झारखंड कांग्रेस के 9 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं, इनमें से तीन विधायक केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी बात को रखने के लिए दिल्ली भी पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार के कामकाज से ये विधायक नाराज हैं।
रांची: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के
नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार के कामकाज से कांग्रेस के 9 विधायक नाराज बताए जा रहे
हैं। इनमें से तीन विधायक केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी बात रखने के लिए दिल्ली
भी पहुंच चुके हैं। कांग्रेस के नाराज 9 विधायकों में अभी तीन विधायक
इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और राजेश कच्छप ही मुखर नजर आ रहे हैं। ये तीनों
विधायक राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू की अगुवाई में दिल्ली पहुंच चुके है और दो
दिनों से दिल्ली में ही कैंप कर रहे हैं।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपी
सिंह से भी कांग्रेस विधायक नाराज
कांग्रेस विधायकों की नाराजगी सरकार के कामकाज के अलावा पार्टी
के प्रदेश प्रभारी आरपी सिंह से भी हैं। इन विधायकों को ऐसा महसूस हो रहा है कि
कांग्रेस प्रभारी ही सरकार और मंत्रियों पर दबाव बनाने की उनकी हर कोशिश को विफल
कर दे रहे हैं। इसलिए दिल्ली गए इन विधायकों ने कांग्रेस प्रभारी से मुलाकात करने
की जगह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से
मुलाकात की। इन नेताओं की कोशिश है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मिलकर
अपनी बात रख सकें, हालांकि कोरोना संक्रमण काल के दौरान अभी इन विधायकों की पार्टी
के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात संभव नहीं हो पाई है।
प्रदेश
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा- नाराज विधायकों ने पहले ही सरकार को अवगत करा
दिया
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त
पर बताया कि पार्टी के कुछ विधायकों ने अपनी नाराजगी से पूर्व में ही सरकार को
अवगत कराने का काम किया, इन विधायकों का कहना है कि वे सरकार में शामिल हैं, लेकिन क्षेत्र में चल रहे
विकास योजनाओं में उनके सुझाव की अनदेखी की जा रही है। जबकि कुछ विधायकों की इस
बात को लेकर भी नाराजगी है कि जिले-प्रखंडों में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत
अन्य अधिकारियों की नियुक्ति में उनकी पैरवी भी को भी दरकिनार कर दिया जा रहा है।
ऐसे विधायकों की कांग्रेस कोटे से सरकार में शामिल चारों मंत्रियों डॉ. रामेश्वर
उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल से भी
खासी नाराजगी है। कांग्रेस विधायकों का कहना है कि कम से कम पार्टी कोटे से सरकार
में शामिल मंत्रियों द्वारा उनके क्षेत्र में विशेष ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस की
नाराजगी से क्या होगा असर
झारखंड में
जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी महागठबंधन की गठबंधन सरकार है। विधानसभा की मौजूदा स्थिति
को देखें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायक हैं, कांग्रेस के 16, आरजेडी के एक विधायक हैं।
बीजेपी के खाते में 25 सीटें हैं। 81 सीटों वाली विधानसभा में
बहुमत का आंकड़ा 42 है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार को
फिलहाल कोई संकट नहीं है, लेकिन, कांग्रेस विधायकों की नाराजगी से स्थिति बिगड़ सकती है।