जर्मनी में रविवार को लोगों ने अपना नया चांसलर चुनने के लिए मतदान किया. ये चुनाव इसलिए खास है क्योंकि इस बार जर्मनी को नया चांसलर मिलेगा, एंगेला मर्केल ने इस पद को त्याग दिया है.
जर्मनी में करीब डेढ़ दशक तक चांसलर पद पर रहीं
एंगेला मर्केल का राजनीतिक सफर अब खत्म हो गया है. एंगेला मर्केल ने अपने संन्यास
का ऐलान किया तो जर्मनी में चुनाव हुए. और अभी तक चुनाव के जो नतीजे आए हैं, उनमें
एंगेला मर्केल की पार्टी पिछड़ती हुई दिखाई पड़ रही है. हालांकि, अभी
अंतिम नतीजे आने बाकी हैं.
रविवार को हुए मतदान के बाद जो शुरुआती ट्रेंड दिख
रहा है, उसमें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को 26 फीसदी
तक वोट मिले हैं जबकि क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU)
करीब 24 फीसदी
तक पहुंच पाया है. CDU ही एंजेला मर्केल का
गठबंधन है.
हालांकि, अभी
किसी भी ग्रुप ने अपनी हार नहीं मानी है और ये मुकाबला अंत तक जा सकता है. माना जा
रहा है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी कुछ अन्य छोटी पार्टियों की मदद से बहुमत का
आंकड़ा पार कर सकती है और जर्मनी में एक गठबंधन सरकार बन सकती है.
अभी तक की गिनती में SPD
को 205, CDU को 194,
GRUNE को 116, FDP को 91,
AFD को 84, DIE LINKE को 39 सीटें
मिलती दिख रही हैं.
बता दें कि जर्मनी में दो किस्म के वोट डाले जाते
हैं, जिस वोटिंग सिस्टम में जनता वोट डालती है उनमें
कुल 598 सीटें हैं और 300
सीटें बहुमत के लिए चाहिए. इनके अलावा 111
सीटें अलग से हैं, जो
कि स्टेट लेवल पर गिनी जाती हैं. जनता के वोटों के आधार पर किसी भी पार्टी को
बहुमत मिल सकता है, लेकिन जब मामला फंसता है तो स्टेट लेवल की सीटें
एन मौके पर माहौल बदल सकती हैं.
गौरतलब है कि एंगेला मर्केल ने इसी साल ऐलान किया था
कि इन चुनावों के बाद वह जर्मनी का चांसलर पद त्याग देंगी. एंजेला मर्केल ने 16 साल
तक जर्मनी पर राज किया, वह 2005
में चांसलर बनी थीं. इस दौरान उन्हें दुनिया की
सबसे ताकतवर महिला, शासक भी माना गया.