Chinese Survey Team: चीन की एक सर्वे टीम बुधवार को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वतीय चोटी को नापने के लिए माउंट एवरेस्ट पर पहुंच गई। वह इसे दोबारा नापने जा रही है।
पेइचिंग
चीन का एक सर्वेक्षण
दल विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत एवरेस्ट की ऊंचाई फिर से नापने के लिए तिब्बत के
रास्ते बुधवार को वहां पहुंच गया। सरकारी मीडिया ने बताया कि चीन की माप के अनुसार
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8844.43 मीटर है जो नेपाल की गणना से चार मीटर कम है।
चीन ने एक मई से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई को मापने के लिए एक नया
सर्वेक्षण शुरू किया। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को ले कर चीन नेपाल की माप से
संतुष्ट नहीं है। नेपाल ने कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर मार्च में माउंट एवरेस्ट
सहित हिमालय की अपनी सभी चोटियों को बंद कर दिया था।
दोबारा मापने
पहुंचे
समाचार एजेंसी
शिन्हुआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई को
दोबारा मापने के लिए चीन को अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया और वैज्ञानिकों
का मानना है कि यह प्रकृति के संबंध में इंसान की समझ को बढ़ाएगा और वैज्ञानिक
विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी
सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट एवरेस्ट पर स्केल माप और वैज्ञानिक अनुसंधान के छह चक्र
पूरे किए और 1975 और 2005 में दो बार चोटी
की ऊंचाई 8,848.13 मीटर और 8,844.43 मीटर बताई।
एवरेस्ट पर 5जी सेवा
चीन की तरफ से माउंट
एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोही अब इसके शिखर पर पहुंचकर भी तेज गति वाली 5जी दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। चीन के
सरकारी मीडिया ने पिछले दिनों खबर दी थी कि दूरवर्ती हिमालयी क्षेत्र में दुनिया
के सबसे अधिक ऊंचाई वाले बेस स्टेशन ने परिचालन शुरू कर दिया है। चीन की दिग्गज
सरकारी दूरसंचार कंपनी चाइना मोबाइल के अनुसार यह बेस स्टेशन 6,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। यह दुनिया की
सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के आधुनिक आधार शिविर (बेस कैंप) में स्थित है।