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कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान ली है और आर्थिक गतिविधियों के पहिये को थाम दिया है। दुनिया का सुपर पावर अमेरिका से भारत जैसे उभरते देशों में इस जानलेवा बीमारी ने कोहराम मचा रखा है। दुनिया के तमाम देश इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन की युद्ध स्तर पर खोज में जुटे हुए हैं।

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2020-07-30 10:37:33

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रूस (Coronavirus in Russia) 10-12 अगस्त तक कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर्ड कराने की योजना बना रहा है। रूसी विशेषज्ञ दुनिया में इसे कोरोना का पहला टीका (Corona Vccine Updates) होने का दावा कर रहे हैं। रूस के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और भारत समेत कई और देश कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

12 अगस्त को कोरोना की रूसी वैक्सीन?

रूस का प्रशासन कोरोना महामारी से निपटने के लिए काफी समय से वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ था। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने रूस पर वैक्सीन के डेटा चुराने का आरोप भी लगाया था। पर इन सब बातों को पीछे छोड़ अब वैक्सीन की रजिस्ट्रेशन की तैयारी में जुट गया है। रूसी विशेषज्ञ इसे पहले दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन बता रहे हैं

मास्को में विकसित वैक्सीन के बारे में जानिए

मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि मास्को की गामेल्या इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन को बनाया है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के 3-7 दिन बाद रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड इस वैक्सीन को लोगों को दिए जाने की मंजूरी दे सकता है। हालांकि गामेल्या इंस्टीट्यूट ने इसपर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

वैक्सीन को मिलेगी सशर्त इजाजत!

रूस की डेप्युटी पीएम तातन्या गोलकोवा ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) के साथ बुधवार को एक बैठक में बताया कि गामेल्या की वैक्सीन को अगस्त में सशर्त रजिस्ट्रेशन की इजाजत मिलेगी। इसका मतलब ये होगा कि इंस्टीट्यूट को 1,600 और लोगों पर इसका ट्रायल करना होगा।

रूसी राष्ट्रपति ने रखी वैक्सीन के लिए शर्त

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने बैठक के दौरान कहा कि वैक्सीन की अहम जरूरत इसकी सुरक्षा और इसके संक्रमण से निपटने की क्षमता होनी चाहिए। वैक्सीन के इस्तेमाल करते वक्त हमारा विश्वास इसपर होना चाहिए।

वैक्सीन से पहले की ब्रिटेन ने किया करार

अमेरिका, ब्रिटेन और चीन की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। वैक्सीन बनने से पहले ही पूरी दुनिया में उसे खरीदने की होड़ तेज हो गई है। अब ब्रिटेन ने Sanofi और GlaxoSmithKline से कोविड वैक्सीन की 6 करोड़ डोज की डील की है। उधर, यूरोपीय संघ कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बनाने की होड़ में आगे चल रही पांच बड़ी कंपनियों मॉडर्ना, सनोफी, जॉनसन एंड जॉनसन, बायोनटेक और क्‍योवेक से टीके की अग्रिम खरीद के लिए बातचीत कर रहा है।