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  • Deepika Padukone का फिर छलका ब्रेकअप पर दर्द, बोलीं- 'मेरी मां देखते ही...'
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दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) आए दिन मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन को लेकर काफी खुलकर बात करती हैं. अब एक बार फिर उन्होंने 'वॉयस चैट रूम' सेशन के दौरान अपने ब्रेकअप के बाद के दौर को याद किया है.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-07-22 11:57:03

नई दिल्ली: बॉलीवुड की फीमेल सुपरस्टार दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने अब तक के अपने करियर में कई बेतरीन फिल्मों में काम किया है. वह अपने जीवन के हर दौर के बारे में काफी खुलकर बात करती हैं. वह आए दिन मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन को लेकर अपने अनुभव भी सुनाती हैं. अब एक बार फिर 'वॉयस चैट रूम' सेशन के दौरान उन्होंने बताया कि कैसे जब वह डिप्रेशन के बुरे वक्त से गुजर रही थीं, उस समय उनकी मां ने उन्हें सहारा दिया.  

हमेशा ऐसा आसान नहीं था समय 

दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) आज एक टॉप क्लास एक्ट्रेसस में शुमार हैं. इसके साथ ही वह एक सफल शादीशुदा जिंदगी भी जी रही हैं. लेकिन उनकी लाइफ हमेशा से इतनी परफेक्ट नहीं थी. दीपिका ने भी अपनी जिंदगी में काफी बुरे वक्त का सामना किया है. एक दौर था जब उन्हें यह जिंदगी बिना काम की, बर्बाद नजर आ रही थी. 

मां ने समझा दर्द 

उस दौर में वह अंदर से टूट गई थी. लेकिन उस दौर में किसी और ने नहीं बल्कि उनकी मां ने इस प्रॉब्लम को समझा और संभाला. उस दौर के बारे में बात करते हुए दीपिका ने कहा, 'मेरी मां उज्जवला पादुकोण मेरे रोने के तरीका से समझ गई थी कि यह काम का स्ट्रेस या नॉर्मल बॉयफ्रेंड इश्यू और ब्रेकअप से से ज्यादा बड़ी मुसीबत में हैं.'

फरवरी 2014 में शुरू हुआ डिप्रेशन

दीपिका पादुकोण वैसे तो आए दिन मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन को लेकर खुलकर बात करती रहती हैं. लेकिन इस बार जैसे उनका दर्द फिर छलक आया और वह इमोशनल हो गईं. 'वॉयस चैट रूम' सेशन के बीच दीपिका ने जानकारी दी कि मेरा डिप्रेशन फरवरी 2014 में शुरू हुआ था. मेरी जिंदगी का यह एक ऐसा दौर था जब मैं अंदर से बिल्कुल टूट चुकी थी. ऐसा लग रहा था कि जिंदगी का कोई मतलब ही नहीं है. फिजिकली और मेंटली दोनों तरह से कमजोर पड़ रही थी.

रोता देख मां ने समझी हालत

दीपिका पादुकोण ने इसके आगे कहा,' यह सब कई दिनों, हफ्तों और महीनों से चल रहा था. इसके बीच मेरी फैमिली मुझसे मिलने मुंबई आई थी. लेकिन जब परिवार के लोग वापस जा रहे थे और अपनी पैकिंग कर रहे थे उस दौरान मैं इनके रूम में गई और अचानक ही रोने लगी. मेरी मां मुझे रोता देख सब कुछ समझ गई थी. वह जान चुकी थी कि मैं किसी मुसीबत में हूं. इसलिए मां ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? लेकिन मैं नहीं बता सकी. लेकिन मेरी मां का अनुभव और प्रिजेंस ऑफ़ माइंड ही था, जिसकी वजह से मैं इस प्रॉब्लम से निकल सकी.'