अफगानिस्तान के राजदूत की बेटी के अपहरण को साजिश बताने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के होश ठिकाने आ गए हैं. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के कड़े रुख के बाद पाकिस्तान ने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की बात कही है. इससे पहले, पाकिस्तान इसी तरह चीन के कदमों भी गिरा था.
इस्लामाबाद: चीन (China) के बाद पाकिस्तान (Pakistan)
अब अफगानिस्तान (Afghanistan) के पैरों में गिर गया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi)
ने सोमवार को अपने
अफगानी समकक्ष मोहम्मद हनीफ अतमार (Mohammad Haneef Atmar) को फोन किया और राजदूत की बेटी के अपहरण में
शामिल दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. दरअसल, अफगान इस पूरे मामले में पाकिस्तान के रवैये
और बयानबाजी से नाराज है.
बैकफुट पर आए Imran Khan
पाकिस्तान (Pakistan) में अपने राजदूत की बेटी के अपहरण को
अफगानिस्तान ने गंभीरता से लिया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के आदेश के बाद पाकिस्तान में अफगान के राजदूत
और अन्य राजनयिक इस्लामाबाद छोड़कर काबुल लौट आए हैं. अफगानिस्तान के इस कड़े रुख
से इमरान खान (Imran
Khan) सरकार बैकफुट पर आ गई
है, इसलिए वो अब मान मनौव्वल में जुट गई है. इसी
के मद्देनजर शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने अफगानिस्तान से कहा है कि दोषियों को किसी
भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा.
Afghan
Embassy की सुरक्षा बढ़ाई
रेडियो पाकिस्तान ने
कुरैशी के हवाले से कहा कि विदेश मंत्रालय राजनयिक मानदंडों से पूरी तरह अवगत है
और पाकिस्तान में अफगान दूतावास और वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा को और बढ़ा दिया
गया है. कुरैशी ने अफगान विदेश मंत्री को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान आरोपियों को
गिरफ्तार करने और पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कि अफगान सरकार हमारे
गंभीर प्रयासों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान से अपने राजदूत और वरिष्ठ राजनयिकों
को वापस बुलाने के फैसले की समीक्षा करेगी.
China के धमकी से कांप उठा था PAK
इसे पहले, पाकिस्तान ने चीन पैरों में गिरकर माफी की
गुहार लगाई थी. दरअसल,
पाकिस्तान में हुए बम
धमाके में चीनी इंजीनियरों की मौत से बीजिंग नाराज हो गया था. उसने एक तरह से हमले
की धमकी भी दे डाली थी. शुरुआत में पाकिस्तान साजिश को हादसा बताने पर तुला था, लेकिन चीन के सख्त रुख के बाद उसने जांच और
दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया. बिल्कुल वैसी ही स्थिति
अफगानिस्तान के मामले में भी है. अफगान के तीखे तेवरों ने इमरान खान को बैकफुट पर
धकेल दिया है और अब वह उसे मनाने में लगे हैं.
क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के
बीच टेंशन अपहरण कांड की वजह से हुई है, जिसे इमरान सरकार साजिश बता
रही है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में शुक्रवार को अज्ञात लोगों ने अफगानिस्तान के
राजदूत नजीबुल्लाह अलीखिल की 26 वर्षीय बेटी सिलसिला का
अपहरण किया था. अपहरणकर्ताओं ने सिलसिला को प्रताड़ित किया गया और उसके साथ मारपीट
की गई. सिलसिला को उस वक्त अगवा किया गया था जब वह टैक्सी से कहीं जा रही थीं. रिहा
करने से पहले उन्हें कई घंटे बंधक बनाए रखा गया. उनके शरीर पर चोटों के कई निशान
हैं.