उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह ने कहा कि बाबरी विध्वंस के बाद उनकी सरकार गिरा दी गई और उन पर जुर्माना लगा लेकिन इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा कि यह फैसला मैंने लिया था और यह हिंदुस्तान के हित में था।
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में साल 1992
में
विवादित ढांचा गिराए जाने के दौरान यूपी के सीएम रहे कल्याण सिंह का कहना है कि मंदिर मामले में स्टैंड लेने और विध्वंस के
बाद मेरी सरकार गिरा दी गई। मुझे जेल हुई, मुझ पर जुर्माना हुआ लेकिन
मुझे इसका कोई मलाल नहीं क्योंकि यह फैसला मैंने लिया था और यह हिंदुस्तान के हित
में फैसला था।
बुधवार को मीडिया से बातचीत
में कल्याण सिंह ने कहा कि उन्हें भूमि पूजन के लिए बुलावा आया है। वह एक दिन पहले
ही 4 अगस्त को अयोध्या पहुंच जाएंगे। उनके जीवन का यह सपना था, जो पूरा हुआ। 5 अगस्त भारत की सांस्कृतिक
गुलामी से स्वतंत्र होने का दिन है।
'लिखित आदेश था, गोली नहीं चलेगी'
कल्याण ने कहा कि साल 1992 में मंदिर आंदोलन के दौरान
लाखों की तादाद में कारसेवक अयोध्या में जुटे थे। मैंने आदेश दिया था कि गोली नहीं
चलाई जाएगी। यह मौखिक आदेश नहीं बल्कि लिखित आदेश था। मैंने लिखित आदेश इसलिए दिया
था कि कल को कोई गोली चला कर यह न कहें कि उनके पास कोई आदेश था या किसी तरह की
कोई दुविधा पुलिस फोर्स में न रहे।
सीबीआई कोर्ट में पेश हुए थे
कल्याण
बता दें कि बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 32 अभियुक्तों के बयान दर्ज कर
रही है। इस क्रम में कल्याण सिंह ने भी कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था।
कल्याण ने कोर्ट में कहा था कि कांग्रेस सरकार ने उन्हें राजनीतिक विद्वेष के चलते
फंसाया था। उन्होंने दावा किया था कि वह निर्दोष हैं। बाद में मीडिया से बात करते
हुए कल्याण सिंह ने कहा कि उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी इसलिए राजनीतिक
विद्वेष के कारण मेरे ऊपर निराधार और गलत आरोप लगाकर केंद्र सरकार के इशारे पर
मुकदमा चलाया गया।
ढांचे की सुदृढ़ सुरक्षा की
थीः कल्याण
कल्याण ने कहा कि यूपी का मुख्यमंत्री होने के नाते मैंने और
मेरी सरकार ने अयोध्या स्थित विवादित ढांचे की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किये
थे और उक्त ढांचे की सुदृढ़ सुरक्षा की दृष्टि से त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की
गई थी। समय-समय पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को विवादित ढांचे की सुरक्षा के
लिए स्थिति के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
कांग्रेस ने
फंसाया?
पूर्व सीएम ने कहा कि इस प्रकरण में केंद्र की तत्कालीन
कांग्रेस सरकार के इशारे पर राजनीतिक विद्वेष से मेरे ऊपर झूठे और निराधार आरोप
लगाकर मुझे गलत फंसाया गया है। मैं निर्दोष हूं। कोर्ट ने सिंह से 1050
सवाल
किये, जिनका उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें राजनीतिक वजहों से तत्कालीन
कांग्रेस सरकार के इशारे पर झूठे और तोड़-मरोड़कर पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर
गलत फंसाया गया है।