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Bharat Bandh: GST को देश की आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा जाता है, क्योंकि 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्सेज़ (Indirect Taxes) का इसमें विलय किया गया. GST लाने का मकसद था कि टैक्स पर टैक्स लगाने का दुष्चक्र खत्म होगा. कंप्लायंस की दिक्कतें घटेंगी.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-02-25 10:24:50

नई दिल्ली: Bharat Bandh: GST को देश की आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार कहा जाता है, क्योंकि 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्सेज़ (Indirect Taxes) का इसमें विलय किया गया. GST लाने का मकसद था कि टैक्स पर टैक्स लगाने का दुष्चक्र खत्म होगा. कंप्लायंस की दिक्कतें घटेंगी. जगह जगह टोल नाकों पर VAT और ऑक्ट्रॉय जांचने के लिए ट्रक नहीं रोके जाएंगे. 

आज GST पर महापंचायत

लेकिन अब भी व्यापारियों की दिक्कतें खत्म नहीं हुईं हैं. Goods and Services Tax (GST) को लेकर व्यापारी नाराज हैं. इसलिए दिल्ली में व्यापारियों ने आज महापंचायत बुलाई है. इस महापंचायत में 200 से ज्यादा बाजारों के कारोबारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल होने वाले हैं. व्यापारियों ने कल यानी 26 फरवरी से भारत बंद का भी ऐलान किया है. 

कल कारोबारियों का 'भारत बंद'

आज दिल्ली की महापंचायत में कल एक दिन के 'भारत बंद' में दिल्ली के व्यापारियों के शामिल होने को लेकर भी फैसला किया जाएगा. महापंचायत में  कश्मीरी गेट, मोरी गेट, चांदनी चौक, भागीरथ प्लेस, लाजपत राय मार्केट, खारी बावली, चावड़ी बाजार, नया बाजार, सदर बाजार, करोलबाग, कनॉट प्लेस, लाजपतनगर, सरोजिनी नगर, खान मार्केट, गांधी नगर और कमला नगर समेत और दूसरे बाजारों के पदाधिकारी शामिल होंगे. 

ट्रकों के पहिए भी रहेंगे जाम 

व्यापारियों के संगठन Confederation of All India Traders (CAIT) ने 26 फरवरी को भारत बंद बुलाया है. इसमें 40,000 ट्रेडर्स एसोसिएशन शामिल हो रहे हैं, जो 8 करोड़ ट्रेडर्स की अगुवाई करते हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्टर्स की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA) ने भी CAIT के भारत बंद का साथ देने का ऐलान कर दिया है, मतलब कल देश में ट्रकों का भी चक्का जाम रहेगा. 

CAIT ने लिखी थी पीएम को चिट्ठी 

भारत बंद से पहले CAIT ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी थी. जिसमें GST से जुड़े मुद्दों, ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े मामलों का जिक्र था. इस चिट्ठी में CAIT ने प्रधानमंत्री से केंद्रीय लेवल पर एक 'स्पेशल वर्किंग ग्रुप' बनाने की मांग की थी. जिसमें सीनियर अधिकारी, CAIT के नुमाइंदे और इंडीपेंडेंट टैक्स एक्सपर्टस हों, जो GST के ढांचे की समीक्षा करें और सरकार को सुझाव दें.  

GST सुधार के लिए दिए सुझाव

CAIT ने ये भी सुझाव दिया कि हर जिले में 'डिस्ट्रिक्ट GST वर्किंग ग्रुप' का भी गठन किया जाए जिससे हवा GST आसानी से लागू किया जा सके, टैक्स बेस बढ़े और रेवेन्यू में भी इजाफा हो. इस चिट्ठी में CAIT ने लिखा है कि हाल ही में GST में किए गए कुछ संशोधनों की वजह सरकारी अधिकारियों को मनमाने और निरंकुश अधिकार मिल गए हैं. CAIT का कहना है कि ये संशोधन पीएम मोदी के 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' मिशन के उलट है, इन संशोधनों से देश में 'टैक्स टेररिज्म' का माहौल बना है.

पूंजी से ज्यादा पेनल्टी से परेशाना कारोबारी

वेस्टर्न महाराष्ट्र टैक्स पेयर्स एसोसिएशन के स्वप्निल मुनोत का कहना है कि कारोबारियों की मांग है कि फिर से एमनेस्टी स्कीम लाई जाए. साथ ही लेट फीस पेमेंट पर सरकार कारोबारियों को राहत दे. उन्होंने बताया कि छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है, कहीं कहीं तो जितनी पूंजी नहीं है, उससे ज्यादा लेट फीस और पेनल्टी चुकानी पड़ रही है. 

ट्रांसपोर्टर्स की क्या मांग ?

ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (AITWA)  के प्रेसिडेंट प्रदीप सिंघल का कहना है कि पहले 1 दिन में 100 किलोमीटर चलने की शर्त थी, जिसे बढ़ाकर 200 किलोमीटर कर दिया गया है. कई बार अगर फुल लोड न हो तो समय सीमा बेहद कठिन हो जाती है. ई-वे बिल को लेकर कई समस्याएं हैं, ई-वे बिल एक्सपायरी पर भारी पेनल्टी का नियम है, टैक्स रकम के दोगुने के बराबर की रकम बतौर पेनल्टी वसूली जा रही है. अधिकारी छोटी छोटी गलतियों के लिए भी भी जुर्माना वसूल रहे हैं. प्रदीप सिंघल का कहना है कि जहां पर टैक्स चोरी नहीं है वहां पर टैक्स कम  किया जाए, साथ ही या तो e-Way बिल को खत्म किया जाए या इसे सरल बनाया जाए, साथ ही सरकार की बजाय सामान भेजने और मंगाने वाले ही तय करें कि मियाद क्या होगी. 

 

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