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  • नरेंद्र मोदी और राम मंदिर आंदोलन... 29 साल 11 महीने बाद आ रही है वो घड़ी
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प्रधानमंत्री 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं। बड़ी दिलचस्प बात है कि मोदी राम मंदिर आंदोलन से शुरुआती दिनों में जुड़े रहे लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री और अब देश के प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने इस मुद्दे पर लगभग चुप्पी ही साधे रखी।

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2020-07-30 09:11:40

1990 के शुरुआती दिनों में जब लाल कृष्ण आडवाणी ने पद यात्रा का प्रस्ताव रखा तो पार्टी के तत्कालीन महासचिव प्रमोद महाजन ने उन्हें पद यात्रा की जगह रथ यात्रा करने का सुझाव दिया। फिर 12 सितंबर, 2019 को बीजेपी महासचिवों की मीटिंग के बाद आडवाणी ने तब दिल्ली के 11 अशोक रोड पर स्थित बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेक कॉन्फ्रेंस बुलाई और 12 दिन बाद यानी 25 सितंबर से गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक 10 हजार किमी लंबी रथ यात्रा की घोषणा कर दी।

25 सितंबर, 1990 से जुड़ा मोदी और अयोध्या का कनेक्शन

25 सितंबर, 1990 को आडवाणी सोमनाथ पहुंचते, उससे पहले एक टोयोटा ट्रक को भगवा रंग के एक रथ में तब्दील किया जा चुका था। 25 सितंबर को सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आडवाणी ने यात्रा शुरू कर दी। उस दिन ईद का त्योहार होने के कारण छुट्टी थी। इस मौके पर इतनी भीड़ जुटी कि पूरे वातावरण में उनके नारे ही गूंजने लगे।

रथ यात्रा में आडवाणी के साथ मोदी

महिलाएं अपने हाथों से सोने के कंगन उतार कर दान में देनें लगीं। पुरुष आडवाणी को तलवार, छड़ी के साथ तरह-तरह के सामान भेंट करने लगे। रथ आगे बढ़ा तो आडवाणी के अगल-बगल जो दो लोग तैनात दिखे, उनमें एक थे प्रमोद महाजन और दूसरे गुजरात बीजेपी के तत्कालीन सांगठनिक सचिव नरेंद्र मोदी।

मोदी के लिए बड़ा दिन 5 अगस्त, 2020

तब से करीब-करीब 29 साल 11 महीने बाद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन करने वाले हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। स्वाभाविक है कि इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री ही करेंगे। संभव है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर उद्घाटन का भव्य समारोह आयोजित किया जाए।

2009 में भी फैजाबाद पहुंचे थे मोदी

2009 में मोदी ने अयोध्या से सटे फैजाबाद में चुना प्रचार करने गए थे। तब लोकसभा चुनाव में आडवाणी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे। मोदी मतदाताओं को रिझाने में सफल नहीं हो पाए थे और अयोध्या/फैजाबाद की सीट कांग्रेस ने जीत ली थी। 

 

राम राज्य की बात, राम मंदिर की नहीं

2014 में फैजाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के पीछे तीर-धनुष लिए भगवान राम की विशाल तस्वीर लगी हुई थी। मोदी ने अपने भाषण में राम राज्य की बात की, राम मंदिर पर कुछ नहीं बोले।

2019 में अयोध्या के पास की थी रैली

2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी फिर फैजाबाद पहुंचे। उन्होंने अयोध्या में एक भी रैली नहीं की। प्रधानमंत्री के तौर पर अयोध्या इलाके में उनकी पहली सभा मई 2019 में अयोध्या-आंबेडकर नगर सीमा पर स्थित छोटे से शहर रामपुर माया में हुई थी। अयोध्या रामजन्मभूमि से सिर्फ 25 किमी दूर। 

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