उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के अस्पतालों मेें रेड (Hospitals Raid) के दौरान किसी अस्पताल में जांच टीम को डॉक्टर नहीं मिले तो किसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दवा की जगह बीयर की बोतलें मिली.
उत्तर प्रदेश की
राजधानी लखनऊ में चल रहे निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर मनमानी और मानकों की
अनदेखी कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है. लखनऊ जिला प्रशासन ने एक साथ 45 निजी अस्पतालों पर छापेमारी की तो इलाज के नाम पर लोगों की
जिंदगी से हो रहे खिलवाड़ की सच्चाई सामने आ गई.
किसी अस्पताल में जांच
टीम को डॉक्टर नहीं मिले तो किसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दवा की जगह
बीयर की बोतलें मिली, ज्यादातर अस्पताल बिना
रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे थे. बड़े पैमाने पर मिली नियमों की अनदेखी और लापरवाही
पर 29 अस्पतालों को नोटिस
जारी किया गया है.
सोमवार को स्वास्थ्य
विभाग और लखनऊ जिला प्रशासन की 6 टीमों ने छापेमारी की
तो ज्यादातर अस्पतालों के पास लाइसेंस ही नहीं मिला, किसी का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था तो किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे. एक
अस्पताल में बीएससी पास मरीजों का इलाज कर रहा था. सभी अस्पतालाों को नोटिस जारी
किया गया है.
इस हॉस्पिटल की ओटी
में मिली बीयर की बोतलें
स्वास्थ्य विभाग के
अधिकारियों ने सोमवार को तुलसी एंड ट्रामा सेंटर पर छापेमारी की. इस दौरान ट्रामा
सेंटर में चार आईसीयू बेड थे, लेकिन डॉक्टर नहीं थे.
यहां ओटी के फ्रिज में बीयर की बोतलें रखी मिलीं. लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म हो
गई थी. इसी तरह मेडिप्लस एंड ट्रॉमा सेंटर के लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म मिली.
छापेमारी के दौरान
मॉडर्न हॉस्पिटल मैटरनिटी एंड ट्रामा सेंटर में तीन आईसीयू के बेड मिले, लेकिन एक्स-रे व इमरजेंसी की सुविधाएं नही थीं. डॉक्टर नहीं
मिले, स्टॉफ नर्स के पास
नर्सिंग की डिग्री तक नहीं थी. इसी तरह न्यू एशियन हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में
डॉक्टर नहीं थे और बीएससी डिग्रीधारक अस्पताल मालिक प्रेम कुमार वर्मा खुद ही
मरीजों का इलाज करते मिले.
संतोषजनक जवाब नहीं
मिला तो होगी सीलिंग
स्वास्थ्य विभाग और
जिला प्रशासन की छापेमारी के बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सीएमओ
डॉ. मनोज अग्रवाल ने 29 अस्पतालों के खिलाफ
नोटिस जारी किया है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि अगर अस्पताल मैनेजमेंट ने
संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी.