राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपनी स्टेट पॉलिसी बना ली है
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपनी स्टेट पॉलिसी बना ली है. नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर मौजूदा वक्त में एफएटीएफ एक्शन का सबसे ज्यादा दबाव है, इससे ये बात सामने आई है कि कैसे पाकिस्तान टेरर को बढ़ावा देता है. बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग समेत टेरर फंडिंग पर नजर रखना है. एफएटीएफ की बैठक अभी पेरिस में हो रही है. एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा था. एनएसए ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि कोई भी युद्ध की मार सहन नहीं कर सकता और युद्ध कभी फायदेमंद नहीं होता.
डोभाल ने कहा कि आतंकवाद किसी भी देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. मीडिया को उचित समय पर आतंकवाद के बारे में उचित जानकारी दी जानी चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो कयास लगने लगते हैं.
उन्होंने कहा, ''हम किसी विशेष देश के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन जो तथ्य हैं वो तथ्य हैं पाकिस्तान के कई लोग इमानदार हैं, ये बात भी सामने लानी जरूरी है. आतंकवाद को हराने वाली पॉलिसी होनी चाहिए.''
डोभाल ने कहा कि आतंकवाद कोई नई बात नहीं है, पिछले तीस सालों में इसकी चर्चा ज्यादा हुई है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद विचार है जिसका मुकाबला करना है, आतंकियों की शक्तियां कम करने की कोशिश एजेंसियों को करनी चाहिए.
एनएसए ने कहा, ''सिविल सोसाईटी को आतंकी का डर नहीं होना चाहिए. ये काम एजेंसियों को करना चाहिए. आतंकवाद का तीन स्तर पर मुकाबला करना चाहिए. कौन है आतंकी, किस तरीके का आतंकवाद है, क्या है उसके पास और उसके पास कैसा प्रभाव है.''