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अयोध्या में भूमि पूजन (Ram Mandir Bhumi Pujan) से पहले पीएम मोदी की एक फोटो वायरल हो रही है (Modi Joshi Viral Photo) और साथ में उनका वादा भी। पीएम मोदी ने कहा था कि जिस दिन राम मंदिर (Ram Mandir News) का निर्माण शुरू होगा वह उसी दिन यहां वापस आएंगे।

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2020-07-30 08:44:26

अयोध्या
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करने जा रहे हैं। दरअसल वह जाने-अनजाने अपने से किए एक 'वादे' को भी पूरा करने जा रहे हैं। आज से ठीक 29 साल पहले राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1991 में उन्होंने एक फोटोग्राफर से बात करते हुए कहा था कि जिस दिन राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, वह वापस आएंगे। सोशल मीडिया पर 1991 की मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की वायरल हो रही तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर महेंद्र त्रिपाठी ने यह खुलासा किया है।

'जोशी के साथ 1991 में अयोध्या आए थे मोदी'
रामजन्मभूमि के पास फोटो स्टूडियो चलाने वाले महेंद्र त्रिपाठी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में दावा किया कि 1991 में मोदी की यह दुर्लभ तस्वीर उन्होंने ही खींची थी और उस दौरान उनकी मोदी से भी बातचीत हुई थी। त्रिपाठी उस दिन को याद करते हुए बताते हैं, ' मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ अप्रैल 1991 में अयोध्या आए थे और उन्होंने विवादित क्षेत्र का दौरा किया था।'

'जोशी ने मोदी का कराया था परिचय'
त्रिपाठी आगे बताते हैं कि वह अयोध्या में एकमात्र फोटोग्राफर थे और वीएचपी से जुड़े हुए थे। इस दौरान उन्होंने यह फोटो खींचा था। त्रिपाठी बताते हैं कि जोशी ने पत्रकारों से मोदी का परिचय गुजरात के बीजेपी नेता को रूप में करवाया था।

'जिस दिन मंदिर निर्माण शुरू होगा...'
त्रिपाठी कहते हैं, 'जब मैंने और स्थानीय पत्रकारों ने मोदी जी से पूछा कि वह फिर कब लौटेंगे तो उन्होंने जवाब दिया था कि जिस दिन राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, वह लौटकर आएंगे'। यह संयोग ही है कि सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद मोदी 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं।

भूमि पूजन में त्रिपाठी को नहीं मिला न्योता
हालांकि वह भूमि पूजन कार्यक्रम में न बुलाए जाने से नाराज हैं। त्रिपाठी कहते हैं 1989 से वह विश्व हिंदू परिषद के लिए फोटोग्राफी कर रहे हैं। उनकी तस्वीरों की अयोध्या फैसले में भी अहम भूमिका रही है, बावजूद इसके उन्हें भूमि पूजन कार्यक्रम का न्योता नहीं दिया गया है।