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  • Nepal में जल्द खत्म नहीं होगा राजनीतिक संकट, PM Oli ने इस्तीफा देने से किया इनकार, संसद का करेंगे सामना
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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के प्रेस सलाहकार ने कहा कि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करेंगे और संसद का सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला विवादास्पद है, लेकिन फिर भी उसे स्वीकार कर लागू किया जाना चाहिए.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-02-25 12:28:18

काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे. ओली के प्रेस सलाहकार ने बताया कि वह इस्तीफा देने के बजाये संसद में फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे. ओली के इस रुख से साफ हो गया है कि नेपाल (Nepal) में चल रहा राजनीतिक संकट जल्द समाप्त होने वाला नहीं है. बता दें कि नेपाली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रधानमंत्री ओली को झटका देते हुए संसद की भंग की गई प्रतिनिधि सभा को बहाल करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से ओली के इस्तीफे की मांग की जा रही है. 

13 दिनों में बुलाना है सत्र

अपने ऐतिहासिक फैसले में मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर (Cholendra Shumsher) के नेतृत्व में पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने मंगलवार को संसद के 275 सदस्य वाले निचले सदन को भंग करने के ओली सरकार के फैसले को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने सरकार को अगले 13 दिनों के भीतर संसद सत्र बुलाने का भी आदेश दिया है. नेपाल में राजनीतिक संकट उस वक्त चरम पर पहुंच गया था, जब राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Bidya Devi Bhandari) ने संसद को भंग करने की PM की सिफारिश को स्वीकार करते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने का ऐलान किया था. 

Court के फैसले पर सवाल

ओली के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा (Surya Thapa) ने कहा कि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि उच्चतम न्यायालय के फैसले पर अमल करेंगे और दो सप्ताह में बुलाए जाने वाले संसद सत्र में हिस्सा लेंगे. थापा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला विवादास्पद है, लेकिन फिर भी उसे स्वीकार कर लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका असर भविष्य में देखने को मिलेगा, क्योंकि इस फैसले से राजनीति समस्याओं का कोई समाधान नहीं मिला है.

Oli पर बढ़ गया है दबाव

थापा ने आगे कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से अस्थिरता आएगी और सत्ता की लड़ाई का मार्ग प्रशस्त करेगा. हिमालयन टाइम्स ने थापा के हवाले से कहा कि प्रधानमंत्री फैसले पर अमल करते हुए प्रतिनिधि सभा का सामना करेंगे, लेकिन इस्तीफा नहीं देंगे. वहीं, ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल ने कहा कि हम सभी को फैसला स्वीकार करना होगा. हालांकि यह मौजूदा राजनीतिक समस्या का कोई समाधान प्रदान नहीं करता. दोनों अधिकारियों की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओली पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है.

Media ने किया स्वागत

नेपाल के अधिकतर मीडिया घरानों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कोर्ट ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखा है और संविधान की रक्षा की है. इस बीच, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (CPN) के उपाध्यक्ष बामदेव गौतम ने प्रधानमंत्री ओली से पद छोड़ने की अपील की है. गौतम ही अब तक ओली और उनके विरोधियों के बीच संतुलन बनाने का काम करते आ रहे थे. गौतम ने कहा कि अदालत के फैसले ने साबित कर दिया है कि पीएम का कदम असंवैधानिक था, इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.