जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वाइंस चांसलर रह चुके नजीब जंग ने कहा कि सरकार CAA में बदलाव करे. इसमें मुसलमानों को भी जोड़ा जाए.
नई
दिल्ली:
दिल्ली के पूर्व
एलजी ने कहा
कि मुझे लगता
है कि CAA में
सुधार की जरूरत
है. सरकार या
तो इसमें मुसलमानों को
भी शामिल करे
या अन्य जो
धर्म हैं उनको
हटाए. मुसलमानों को
शामिल करने के
बाद मामला खत्म
हो जाएगा. दिल्ली
की जामिया मिलिया
इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर नागरिकता संशोधन
कानून ( CAA) के विरोध में
प्रदर्शन जारी है. सोमवार
को दिल्ली के
पूर्व उपराज्यपाल
(एलजी) नजीब जंग
भी यहां पहुंचे
और प्रदर्शनकारियों को
संबोधित किया.
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के
वाइंस चांसलर रह
चुके नजीब जंग
ने कहा कि
सरकार CAA में बदलाव
करे. इसमें मुसलमानों को
भी जोड़ा जाए.
नजीब जंग ने
कहा, इस मामले
(सीएए) पर चर्चा
होनी चाहिए तभी
इसका कोई समाधान
निकलेगा. जब हम बात
ही नहीं करेंगे
तो समस्या का
हल कैसे निकलेगा? कब
तक यह विरोध
प्रदर्शन चलता रहेगा? अर्थव्यवस्था को
नुकसान हो रहा
है, दुकानें बंद
हैं, बसें नहीं
चल पा रही
हैं और भारी
घाटा हुआ जा
रहा है.
सीएए को लेकर
मचे बवाल के
बीच कुछ दिन
पहले देश भर
के 106 पूर्व नौकरशाहों ने
इस पर सवाल
उठाए थे. इन
नौकरशाहों ने सरकार को
पत्र लिखा और
कानून की वैधता
पर सवाल खड़े
किए. पत्र में
लिखा गया कि
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), नागरिकता संशोधन
कानून (सीएए) और
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)
की जरूरत नहीं
है. यह एक
व्यर्थ की कवायद
है. पत्र में
कहा गया कि
इन कानूनों से
लोगों को परेशानी ही
होगी.
इन पूर्व 106 नौकरशाहों में
दिल्ली के पूर्व
उपराज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव
के. एम. चंद्रशेखर और
पूर्व मुख्य सूचना
आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल
हैं. इन लोगों
ने लोगों से
केंद्र सरकार से
इस पर जोर
देने का आग्रह
किया कि वह
राष्ट्रीय पहचान पत्र से
संबंधित नागरिकता कानून 1955 की प्रासंगिक धाराओं
को निरस्त करे.