साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर सोलो एनक्वेनी (Solo Nqweni) की जिंदगी में आफत क्या कम थी कि अब उन्हें कोरोना वायरस भी हो गया है। पहले से गुलियन बेरे सिंड्रोम नामक बीमारी से जूझ रहे क्रिकेटर ने ट्विटर पर अपना दर्द बयां किया है।
कहते हैं आफत आती है तो चारो
ओर से आती है। कुछ ऐसा ही हो रहा है साउथ अफ्रीका के युवा क्रिकेटर के साथ। दक्षिण
अफ्रीका के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर सोलो एनक्वेनी (Solo Nqweni) पिछले एक वर्ष से गुलियन बेरे
सिंड्रोम (प्रतिरोधक क्षमता और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी) से जूझ रहे हैं।
ऑलराउंडर का लिवर और किडनी खराब हो चुका है और अब वह कोरोना वायरस (Coronavirus)
पॉजिटिव
पाए गए हैं। बता दें कि जीबीएस (Guillan-Barre syndrome) बीमारी मांसपेशियों में
कमजोरी पैदा करती है।
26 वर्षीय क्रिकेटर ने यह जानकारी खुद
ट्विटर पर दी है। उन्होंने लिखा- पिछले वर्ष मुझे जीबीएस हो गया था। मैं इस बीमारी
से 10 महीने से लड़ रहा हूं। अब जब मैं लगभग आधा
ठीक हुआ ही था कि टीबी हो गया। मेरा लिवर और किडनी खराब हो गए और अब मैं कोरोना
वायरस पॉजीटिव पाया गया हूं। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि ये सब मेरे साथ ही क्यों
हो रहा है।
4 सप्ताह कोमा में रहे थे
जीबीएस की वजह से यह क्रिकेटर स्कॉटलैंड दौरे पर कोमा में चला
गया था। 4 सप्ताह बाद होश में
आया। उल्लेखनीय है कि इस बीमारी से ग्रसित होने वाले एनक्वेनी तीसरे क्रिकेटर हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के जफर सरफराज और स्कॉटलैंड के माजिद हक को यह बीमारी हुई थी।
दक्षिण अफ्रीका टीम
ने की मदद
इस मुश्किल वक्त में उनके साथ दक्षिण अफ्रीका की पुरुष टीम आई।
उसने उनके इलाज के लिए 3300 अमेरिकी डॉलर दिए
हैं। इसके अलावा उनके फंड के लिए कैंपेन भी चलाया गया, जहां से उन्हें काफी मदद मिल रही है।
ऐसा है क्रिकेट
करियर
क्रिकेट करियर की बात करें
तो इस क्रिकेटर ने प्रथम श्रेणी करियर में 36 मैच खेले हुए 60 विकेट लिए हैं और 5 अर्धशतकों की मदद से 735 रन बनाए हैं। वह उन्होंने
दक्षिण अफ्रीका अंडर-19 टीम का भी हिस्सा रहे हैं, जो 2012
अंडर-19 विश्वकप में खेली थी। टी-20 की बात करें तो उन्होंने 34 मैचों में 31 विकेट झटके हैं, जबकि 137 रन बनाए हैं।