• Home
  • News
  • Tokyo Olympics: रिंग में दम दिखाने को तैयार बॉक्सर आशीष कुमार
post

आशीष कुमार ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-07-20 11:21:05

आशीष कुमार 
उम्र - 27 
खेल - बॉक्सिंग (मिडिलवेट)

बॉक्सर आशीष कुमार टोक्यो ओलंपिक में 75 किलो मिडिलवेट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. 2008 में विजेंदर सिंह ने इसी भारवर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था. ऐसे में अपना पहला ओलंपिक खेलने जा रहे आशीष कुमार से पदक की उम्मीद करना स्वाभाविक है. 

हिमाचल प्रदेश के रहने वाले आशीष ने 2009 में राज्यस्तरीय जूनियर प्रतियोगिता में अपने मुक्केबाजी करियर का पहला स्वर्ण पदक जीता. 2015 में वह 35वें नेशनल गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे. फिर आशीष ने 2018 में नेशनल बॉक्सिंग और एशियन गेम्स टेस्ट इवेंट का कांस्य पदक अपने नाम किया. उसी साल आशीष ने इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग के जरिए अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करते हुए क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे. बाद में उन्होंने प्रेसिडेंट कप में भी भाग लिया. 

2019 में आशीष कुमार ने बैंकॉक एशियाई चैम्पियनशिप के 75 किग्रा मिडिलवेट भारवर्ग में रजत पदक जीतने के बाद काफी सुर्खियां बटोरीं. इस मेगा इवेंट में आशीष की पहली यह पहली उपस्थिति थी. उसी साल आशीष ने विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भी पदार्पण किया. हालांकि चीनी बॉक्सर तुओहेताएरबीके तांगलातिहान से हारने के बाद उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था.

टोक्यो का सफर : आशीष कुमार ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था. क्वार्टर फाइनल में उन्होंने इंडोनेशिया के माइकल मुस्किता को 5-0 से करारी शिकस्त दी थी. हालांकि आशीष के लिए टोक्यो का सफर उतना आसान नहीं रहा था, क्योंकि इस क्वालिफाइंग इवेंट के 23 दिन पहले ही उनके पिता दुनिया से चल बसे थे. इसके बावजूद आशीष ने हार नहीं मानी और ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया. 

हालिया प्रदर्शन : आशीष कुमार ने मई 2021 में आयोजित हुए एशियाई बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था. हालांकि वह क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाए. आशीष को क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान के अबिलखान अमानकुल के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था.