जीएसटी (Goods and Services Tax) को लागू हुए तकरीबन 4 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक इसका विरोध थम नहीं रहा है. नागपुर में जारी CAIT (Confederation Of All India Traders) की बैठक में ये फैसला किया गया है कि 26 फरवरी को जीएसटी के विरोध में भारत बंद किया जाएगा.
नागपुर: CAIT
(Confederation Of All India Traders) की बैठक नागपुर में 8 फरवरी से शुरू हो गई है. 3 दिनों तक चलने वाली इस बैठक के पहले दिन ही जीएसटी (Goods and Services
Tax) के विरोध में भारत बंद
का ऐलान कर दिया गया है. 26
फरवरी को बुलाए गए इस
भारत बंद में 8
करोड़ से ज्यादा
कारोबारियों के शिरकत करने का दावा किया जा रहा है.
CAIT ने कर दिया है ऐलान
CAIT
(Confederation Of All India Traders) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल
ने जीएसटी का खुला विरोध किया है. CAIT का आरोप है कि जीएसटी पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली (Tax System) है. जीएसटी की वजह से कारोबारी तबाह हो रहे
हैं और सरकार को कारोबारियों का दर्द समझना चाहिए. CAIT की यह भी मांग है कि जीएसटी से कारोबारियों को
तुरंत राहत देनी चाहिए और बार बार कहने के बावजूद जीएसटी काउन्सिल ने अभी तक CAIT के उठाए मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया है. CAIT का कहना है कि बार-बार बदलाव से जीएसटी पर कई
तरह के भ्रम भी पैदा हो रहे हैं और व्यापारी वर्ग ज्यादातर कारोबार पर ध्यान देने
के बजाय जीएसटी में ही उलझा रहता है .
937 बार हो चुका संशोधन
4
साल में जीएसटी में 937 से ज़्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी का
बुनियादी ढांचा ही बदल गया है. जीएसटी को टैक्स सिस्टम सुधारने और सरल करने के
उद्देश्य से लागू किया था लेकिन आज की तारीख में ये इतना पेचीदा हो गया है कि आए
दिन इसमें बदलाव करने पड़ते हैं. इसकी वजह से बार-बार जीएसटी दर बदल रही हैं और
कारोबारियों की दिक्कत बढ़ रही है.
सरकार का क्या कहना है
सरकार बार-बार कह चुकी
है कि जीएसटी कारोबारियों को टैक्स सिस्टम से राहत दिलाने के लिए लाया गया है. One Nation One Tax का ये फॉर्मूला लोगों को महंगाई से राहत दिला
रहा है और कारोबारियों को भी काफी सहूलियत हो रही है. समय के साथ जीएसटी काउंसिल
की बैठक में टैक्स स्लैब बदलने पर भी सहमति बन रही है. इससे साफ हो जाता है कि
जीएसटी लोगों को काफी राहत दे रहा है.
जीएसटी की मौजूदा स्थिति
जीएसटी काउंसिल की अब
तक 37 बैठक हो चुकी हैं जिसके बाद अब जीएसटी में कुल
पांच स्लैब हैं. करमुक्त से लेकर 5, 12, 18 और 28 फीसदी की दर से सामान पर जीएसटी लगाया जाता है. बजट से ऐन पहले सरकार ने जीएसटी कलेक्शन के जो आंकड़े जारी किए थे उसके मुताबिक जनवरी 2021 में कुल 1.20 लाख करोड़ तक पहुंच गया था जो कि अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन है.