सरकार ने इथेनॉल (Ethanol) को standalone fuel के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब तेल कंपनियों को सीधे E-100 बेचने की अनुमति मिल गई है. हालांकि इस फ्यूल का इस्तेमाल उन्हीं गाड़ियों में होगा जो E100 कम्पेटिबल होंगी.
नई दिल्ली: महंगे पेट्रोल-डीजल खरीद रहे लोगों को थोड़ी
राहत मिलने वाली है,
क्योंकि सरकार ने
इथेनॉल (Ethanol)
को Standalone Fuel के रूप में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और अब
तेल कंपनियों को सीधे E-100 बेचने की अनुमति मिल गई है. सूत्रों के
अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से ऑर्डर जारी किया गया है. हालांकि इस फ्यूल का
इस्तेमाल उन्हीं गाड़ियों में होगा जो E100 कम्पेटिबल होंगी.
पेट्रोल, डीजल की तरह E-100 को मंजूरी
पेट्रोलियम मंत्रालय ने
ऑर्डर जारी करते हुए इथेनॉल को स्टैंडअलोन फ्यूल (Standalone Fuel) घोषित किया. सरकार ने पेट्रोल और डीजल की तरह E-100 को अनुमति दी है, जिसके बाद तेल कंपनियों को सीधे E-100 बेचने की मंजूरी दी है. इसके लिए मोटर स्पिरिट
और हाई स्पीड डीजल ऑर्डर 2005
(Motor Spirit and high-speed diesel order 2005) में संशोधन किया गया है.
सरकार के इस फैसले से
शुगर कंपनियों,
OMC's और इथेनॉल कंपनियों को
बहुत फायदा होगा. जो सरप्लस स्टॉक के साथ इथेनॉल के प्रोडक्शन में वृद्धि से फायदा
उठा सकती हैं. इस क्षेत्र के प्रमुख शख्स ने कहा कि भारत में distilleries और जल संसाधनों की कमी वजह से इथेनॉल के उस
स्तर का उत्पादन करना एक चुनौती होगी. सरकार को ऐसा करने के लिए बहुत सारे infrastructure, चीनी और अनाज आधारित distilleries का निर्माण करना होगा.
ऐसे बनता है इथेनॉल (how
ethanol is made)
इथेनॉल एक तरह का
अल्कोहल है,
जिसे पेट्रोल में
मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इथेनॉल का उत्पादन
यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है, लेकिन शर्करा वाली कई दूसरी फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है. इससे
खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है. भारत के लिहाज से देखें तो इथेनॉल ऊर्जा
का अक्षय स्रोत (Renewable
Source) है, क्योंकि देश में गन्ने की फसल की कभी कमी नहीं
हो सकती.