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  • 4 साल के बाद IDBI Bank को मिली बड़ी राहत, RBI ने PCA फ्रेमवर्क से बाहर किया, जानिए क्या हैं इसके मायने
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बैंक को PCA में डालने से उसके खाताधारकों पर कोई असर नहीं पड़ता है, न तो उसकी सेवाओं में कमी आती है. ये सिर्फ बैंक की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए होता है.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-03-11 12:22:07

नई दिल्ली: IDBI Bank के खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने चार साल बाद IDBI Bank को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (Prompt Corrective Action) की लिस्ट से बाहर निकाल दिया है. रिजर्व बैंक का कहना है कि IDBI Bank ने उनके किसी भी पैरामीटर को नहीं तोड़ा है. 

IDBI बैंक PCA से बाहर

आपको बता दें कि RBI उन बैंकों को PCA में डाल देता है, जब उसे ये लगता है कि किसी बैंक के पास जोखिम का सामना करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पूंजी नहीं है. जो भी लोन या उधार दिया गया है उससे आमदनी नहीं हो रही है, हद से ज्यादा NPA बढ़ रहा है, मुनाफा नहीं हो रहा है तो उस बैंक को ‘PCA’ में डाल दिया जाता है. बैंक को तब तक PCA में रखा जाता है जब तक उसकी वित्तीय हालत सुधर नहीं जाती.

PCA में जाने पर लगते हैं प्रतिबंध

किसी बैंक को PCA में डालने का मतलब होता है कि बैंक को नई जिम्मेदारियां लेने और नए खर्चों पर रोक लगा दी जाती है, ताकि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सके. जैसे नई शाखाएं नहीं खोल सकते, नए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जा सकती वगैरह. रिजर्व बैंक उसके खर्चों पर निगरानी  रखता है. 

IDBI बैंक ने पैरामीटर्स का पालन किया

RBI ने मई 2017 में IDBI Bank को PCA फ्रेमवर्क में डाल दिया था. RBI ने ये कदम बैंक की पूंजी की हालत, असेट क्वालिटी और लेवरेज रेश्यो की खराब हालत को देखते हुए उठाया था. 18 फरवरी 2021 को IDBI Bank की वित्तीय हालत की समीक्षा Board for Financial Supervision (BFS) ने की थी. 

RBI ने कहा, IDBI Bank ने PCA के किसी भी पैरामीटर का उल्लंघन नहीं किया है, चाहे वो रेगुलेटरी कैपिटल हो, नेट NPA हो या फिर लिवरेज रेशियो हो. RBI ने कहा, IDBI Bank ने उन्हें लिखित में भरोसा दिलाया है कि वे मिनिमम रेगुलेटरी कैपिटल बरकरार रखेंगे और NPA को बढ़ने नहीं देंगे. साथ ही बैंक स्ट्रक्चल और सिस्टमेटिक सुधार भी करेगी. इसलिए इसे PCA के बाहर किया गया है, लेकिन बैंक की लगातार मॉनिटरिंग होगी और कुछ शर्तें लगाई जाएंगी.

PCA का खाताधारकों पर कोई असर नहीं 

हालांकि किसी बैंक को PCA में डालने से उसके खाताधारकों पर कोई असर नहीं पड़ता है, न तो उसकी सेवाओं में कमी आती है. ये सिर्फ बैंक की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए होता है. इसलिए अगर कोई बैंक PCA में डाला जाता है तो खाताधारकों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. 

 

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