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  • IND vs ENG: मोटेरा पर पिच पर घास से इंग्लैंड को आस पर ओस कम हो जाएगी स्विंग
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India vs England: गुलाबी गेंद के लिए पिच पर घास होनी जरूरी है। इससे गेंद सही शेप और रंग में रहती है। डे-नाइट टेस्ट मैच के लिए गेंद का सही रंग में रहना बहुत जरूरी है। पर उस घास के असर को ओस कम कर सकती है।

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-02-17 11:29:27

अहमदाबाद
भारतीय टीम चेन्नै में थी। लेकिन टीम ने अगले टेस्ट मैच के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी थी। 24 फरवरी से मोटेरा में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह मैच डे-नाइट होगा और गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। इसके लिए तैयारी भी अलग करने की जरूरत होती है।


मैच के बाद हार्दिक पंड्या और चेतेश्वर पुजारा गुलाबी गेंद से प्रैक्टिस करते हुए नजर आए। यानी भले ही मैच में अभी करीब एक सप्ताह का वक्त बाकी हो लेकिन टीम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।


मोटेरा के नए बने स्टेडियम में परिस्थितियां चेन्नै से अलग होंगी। पिच पर घास होगी जो पिंक बॉल टेस्ट मैच के लिए बेहद जरूरी है। अहमदाबाद इस बड़े टेस्ट मैच के लिए तैयार हो रहा है।

गुजरात के क्रिकेटर समित गोहेल ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस को बताया, 'इस मैदान पर दो तरह की पिच है। रेड सॉइल और क्ले वाली पिच। गुलाबी गेंद को घास की जरूरत होती है और पिचें अभी फ्रेश हैं। हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी में पिचें अच्छा खेलीं। हालांकि वह वॉइट बॉल टूर्नमेंट था लेकिन गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आ रही थी।'

गोहेल हालांकि मानते हैं कि फरवरी में ओस एक बड़ा फैक्टर हो सकती है। उन्होंने कहा, 'जब ओस बहुत ज्यादा होती है तो गेंद गीली होकर भारी हो जाती है और यह स्विंग होना बंद हो जाती है। न तो परंपरागत स्विंग होती है और न ही रिवर्स। स्पिनर्स को भी ग्रिप नहीं मिलती। इस समय मौसम गर्म है लेकिन शाम को ठंडा हो जाता है। ऐसे में ओस का असर देखने को मिल सकता है।'

तीसरे टेस्ट में काफी कुछ दांव पर लगा है। भारत को आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए यह सीरीज 2-1 से जीतना जरूरी है। क्या भारत ऐसा कर पाएगा इसके लिए सीरीज का तीसरा मैच काफी मायने रखता है। टीम प्रबंधन इस बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है। मोटेरा की परिस्थितियों के हिसाब से टीम चुनना भी प्रबंधन के सामने बड़ा सवाल है।

जहां तक इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण की बात है तो मददगार परिस्थितियों में वह काफी कारगर हो सकता है। जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर का प्लेइंग इलेवन में आना लगभग तया है। स्टुअर्ट ब्रॉड और ओली स्टोन ने भी प्रभावित किया है। इंग्लैंड को अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचना है तो उसे 3-1 से यह सीरीज जीतनी होगी जो फिलहाल काफी चुनौतीपूर्ण नजर आता है।