नेशनल स्टॉक एक्सचेंज असल में अपने इंटरनेशनल एक्सचेंज के NSE-IFSC प्लेटफॉर्म पर ऐसी सुविधा शुरू करने जा रहा है जिसके द्वारा आप एनएसई की वेबसाइट से ही दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त कर पाएंगे.
शेयर बाजार में कारोबार करने वाले
लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें ऐसी सुविधा मिलने जा रही है जिससे वे घर
बैठे गूगल,
फेसबुक, ऐपल जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों
के शेयरों की खरीद-फरोख्त कर पाएंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज असल में अपने इंटरनेशनल
एक्सचेंज के NSE-IFSC
प्लेटफॉर्म
पर ऐसी सुविधा शुरू करने जा रहा है जिसके द्वारा आप एनएसई की वेबसाइट से ही दिग्गज
अमेरिकी कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त कर पाएंगे.
क्या कहा एनएसई ने
अमेरिकी शेयरों में यह कारोबार
एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज (NSE IFSC) के माध्यम से होगी. NSE IFSC, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्ण स्वामित्व वाली
सब्सिडियरी है. एनएसई ने कहा है कि जल्द ही उसे प्लेटफॉर्म से अमेरिकी शेयरों की
खरीद-फरोख्त शुरू हो जाएगी. इसके माध्यम से भारतीय निवेशक कम लागत में अमेरिकी
शेयर बाजार में निवेश कर पाएंगे.
अभी भारतीय निवेशक कुछ चुनींदा
ब्रोकर्स के माध्यम से ही अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर पाते हैं. यह निवेश
खर्चीला होने की वजह से अक्सर बड़े निवेशक ही इसका फायदा उठाते हैं और सामान्य
निवेशकों को तो जानकारी ही नहीं होती कि अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश हो सकता है. NSE IFSC ने एक बयान में बताया, 'अमेरकी शेयरों की पूरी ट्रेडिंग, क्लियरिंग और होल्डिंग IFSC अथॉरिटी के रेगुलेटरी स्ट्रक्चर
के द्वारा होगी.'
कितना कर पाएंगे निवेश
यह निवेश भारतीय रिजर्व बैंक
द्वारा तय लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) की सीमा के भीतर ही होगा. इसके
तहत कोई भारतीय व्यक्ति किसी एक वित्त वर्ष में विदेश में अधिकतम 2.50 लाख डॉलर (करीब 1.86 करोड़ रुपये) की रकम विदेश भेज
सकता है. यानी कोई भी निवेशक अधिकतम 2.50 लाख डॉलर का ही निवेश कर पाएगा.
ये शेयर डीमैट फॉर्म में गुजरात के GIFT सिटी में स्थित डिपॉजिटरी के पास
रहेंगे.