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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने Cheque Clearance के नियमों में हाल ही में बदलाव किया है जिसके तहत CTS का दायरा बढ़ाया जाएगा और इसके दायरे में करीब 18 हजार बैंक शाखा और आ जाएंगी. साफ शब्दों में कहें तो अब पहले के मुकाबले चेक और जल्दी कैश हो जाएंगे.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-02-09 09:34:25

दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Cheque Clearance के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. आरबीआई ने Cheque Truncation System का दायरा बढ़ाने का पैसला किया है जिसका असर 18 हजार बैंक शाखाओं पर पड़ेगा. जानकारी के मुताबिक इसी साल सितंबर से नए नियम लागू हो जाएंगे.

CTS का दायरा बढ़ेगा

RBI ने भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाओं को अपडेट करने का फैसला किया है.  जो भी शाखाएं केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली चेक ट्रंकेशन सिस्टम’(Cheque Truncation System) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस (CTS) के दायरे में लाया जाएगा. CTS का इस्तेमाल 2010 से किया जा रहा है और इसके दायरे में लगभग 1 लाख 50 हजार बैंक शाखाएं पहले से ही हैं. 

क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम

सीटीएस यानी चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम (Cheque Truncation System) चेक क्‍लियर करने की एक प्रक्रिया है, जिसमें जारी किए गए चेक को एक जगह से दूसरी जगह नहीं घूमना पड़ता. दरअसल, चेक जिस बैंक में जमा किया जाता है, वहां से चेक जारी करने वाले की बैंक शाखा में भेजा जाता है इस वजह से चेक क्‍लियर होने में ज्यादा समय लगता है. साल 2010 से भारत में CTS के तहत चेक क्लियर किए जाते हैं जिसमें देश की करीब 1 लाख 50 हजार बैंक शाखाएं जुड़ी हुई हैं. अब बाकी शाखाओं को भी जल्द ही CTS के दायरे में शामिल किया जाएगा.

चेक ट्रंकेशन सिस्‍टम के फायदे

CTS के जरिए चेक जल्दी क्लियर हो जाता है. इससे ग्राहकों को पेमेंट जल्दी मिल जाता है. इसके अलावा CTS लागत को भी घटाता है. Logistics से जुड़ी समस्‍याओं को कम करता है. इससे पूरे बैंकिंग सिस्टम को फायदा होता है.
चेक के एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लगने वाली लागत को भी खत्‍म हो जाती है. लिहाजा Cheque की Processing तेजी से होती है.

 

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