रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई बहुचर्चित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न के पक्ष में फैसला सुनाया गया है.
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance Future
Deal) के बीच हुई
बहुचर्चित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला
सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न (Amazon) के पक्ष में फैसला सुनाया गया है.
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है.
सुप्रीम
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला
है, वह भारत में भी लागू होगा. बता
दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने
विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी.
आपको बता
दें कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील के खिलाफ अमेजन ने सबसे
पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने इस डील पर रोक लगाने से इनकार कर
दिया था. इसी के बाद अमेजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था.
समझें
क्या था पूरा विवाद?
देश के
अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित बिग बाज़ार फ्यूचर ग्रुप का ही हिस्सा है. कुछ वक्त
पहले रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप में रिटेल मार्केट को लेकर सबसे बड़ा समझौता हुआ था
और 24,713
करोड़ की
डील के बाद रिलायंस के पास फ्यूचर ग्रुप के मालिकाना हक आ गए थे.
इसी डील पर
अमेजन ने विरोध जताया था,
क्योंकि
फ्यूचर ग्रुप की ही एक कंपनी में अमेजन की 49 फीसदी की हिस्सेदारी थी. डील के मुताबिक, अगर कंपनी बेची जाती है तो खरीद
का पहला अधिकार अमेजन का ही होगा. लेकिन रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप की डील में इसका
पालन नहीं हुआ था.
अमेजन ने
इसको लेकर सबसे पहले सिंगापुर की एक अदालत में गुहार लगाई थी, जहां अमेजन के पक्ष में फैसला आया
था. उसके बाद ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा, जिसमें हाईकोर्ट ने डील को आगे बढ़ने को कहा
था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है.