पीवी सिंधु टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय महिला शटलर हैं. रियो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट सिंधु से इस बार टोक्यो में गोल्ड मेडल की उम्मीद की जा रही है.
पीवी सिंधु
उम्र
- 26
खेल
- बैडमिंटन
वर्ल्ड
रैंकिंग - 7
इस
हैदराबादी शटलर ने 2009 में कोलंबो में हुए जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में हिस्सा
लिया, जो
उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था. 2012 में सिंधु ने लंदन
ओलंपिक की चैम्पियन ली जुरेई को हराते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उसी साल
सितंबर में महज 17 साल की उम्र में सिंधु ने दुनिया की टॉप-20 खिलाड़ियों में जगह
बना ली. इसके बाद 2013 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने के साथ ही सिंधु इस
चैम्पियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई थीं. इसके बाद
से 2015 को छोड़कर उन्होंने 2019 तक सभी वर्ल्ड
चैम्पियनशिप में मेडल जीता है.
2016 के रियो ओलंपिक में नौंवी सीड पीवी सिंधु ने शुरुआती चार मुकाबले
जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. इसके बाद सिंधु ने सेमीफाइनल मुकाबले में जापान
की नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से शिकस्त दी.
सिंधु के पास फाइनल में गोल्ड जीतने का मौका था, लेकिन स्पेन की
कैरोलिन मारिन उन पर भारी पड़ गईं. फाइनल में मारिन ने सिंधु को 19-21,
21-12, 21-15 से
मात दे दी थी. इसके बाद 2019 में सिंधु ने विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी
ओकुहारा को हराकर इतिहास रच डाला था. वह विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीतने वाली
पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई थीं.
टोक्यो का सफर: सिंधु ने टोक्यो
ओलंपिक के लिए आसानी से क्वालिफाई कर लिया क्योंकि वह बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में
शीर्ष दस खिलाड़ियों में शामिल थीं. अपना दूसरा ओलंपिक खेलने जा रहीं सिंधु को
महिला एकल में छठी वरीयता मिली है और उन्हें ग्रुप 'जे' में रखा गया है. इस
ग्रुप में सिंधु के अलावा हॉन्कॉन्ग की च्युंग एनगान यी और इजरायल की पोलिकारपोवा सेनिया को
भी जगह मिली है. सेमीफाइनल में पहुंचने पर सिंधु की भिड़ंत ताई जू यिंग से हो सकती
है.
हालिया प्रदर्शन: पीवी सिंधु ने
मार्च 2021 में आयोजित हुए स्विस ओपन में भाग लिया था. जहां फाइनल मुकाबले में
उन्हें कैरोलिन मारिन ने 21-12, 21-15 से शिकस्त दी थी. इसके बाद ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन
चैम्पियनशिप 2021 के सेमीफाइनल में सिंधु को थाइलैंड की पोर्नवापी चोचुवोंग के हाथों
हार का सामना करना पड़ा.