• Home
  • News
  • टोक्यो ओलंपिक: किसी भारतीय ने एथलेटिक्स में नहीं जीता है मेडल, इस बार कौन दावेदार?
post

एथलेटिक्स ओलंपिक खेलों का अहम अंग है. अब तक कोई भी भारतीय ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पोडियम तक नहीं पहुंचा है. खेलों का महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक में भारत ने 172 एथलीट उतारे हैं. उसके नाम एथलेटिक्स में केवल दो मेडल हैं और वह भी उसे किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी ने दिलाए थे.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-07-02 10:15:21

एथलेटिक्स ओलंपिक खेलों का अहम अंग है. अब तक कोई भी भारतीय ओलंपिक की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पोडियम तक नहीं पहुंचा है. खेलों का महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक में भारत ने 172 एथलीट उतारे हैं. उसके नाम एथलेटिक्स में केवल दो मेडल हैं और वह भी उसे किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि ब्रिटिश मूल के खिलाड़ी ने दिलाए थे. 

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की पदक सूची में भारत के नाम पर जो दो रजत पदक दर्ज हैं, उन्हें पेरिस ओलंपिक 1900 में एंग्लो इंडियन एथलीट नार्मन प्रिचार्ड ने 200 मीटर दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीता था. दरअसल, प्रिचार्ड ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले खिलाड़ी थे. विश्व एथलेटिक्स ने हालांकि 2005 में उनके पदकों को ग्रेट ब्रिटेन के खाते में डाल दिया था, लेकिन आईओसी अब भी उन्हें भारतीय एथलीट ही मानती है.

प्रिचार्ड कलकत्ता (अब कोलकाता) में पैदा हुए थे. वह 1905 में ब्रिटेन में बस गए. बाद में हॉलीवुड की फिल्मों में काम करने के लिए लॉस एंजेलिस चले गए थे, जहां 1929 को लॉस एंजेलिस में उनका निधन हुआ. पीटीआई के मुताबिक, भारत की तरफ से 1900 से 2016 तक एथलेटिक्स में 119 पुरुष और 53 महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया, लेकिन इन खेलों में भारतीय एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन चौथा स्थान रहा.

'फ्लाइंग सिखमिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में पुरुषों की 400 मीटर दौड़ में चौथे स्थान पर रहे थे. मिल्खा सिंह का कोविड-19 के बाद की जटिलताओं के कारण हाल में निधन हुआ था. उनकी अपने जीते जी किसी भारतीय एथलीट के ओलंपिक पदक जीतने की तमन्ना पूरी नहीं हो पाई.

उड़नपरी पीटी उषा ने 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में इसके करीब पहुंच गई थीं, लेकिन महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ में वह भी चौथा स्थान ही हासिल कर पाई थीं.

मिल्खा सिंह का यह सपना था कि कोई भारतीय ट्रैक और फील्ड में ओलंपिक पदक जीते. मिल्खा को टोक्यो ओलंपिक में एथलीट हिमा दास से खासी उम्मीदें थीं. उन्होंने हिमा को तैयारी के टिप्स भी दिए थे. हालांकि हिमा ओलंपिक के लिए इस बार क्वालिफाई नहीं कर पाईं.

टोक्यो में 23 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भारत के 12 एथलीटों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं और मिश्रित रिले टीम ने क्वालिफाई किया है. इनमें केवल भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा ही पदक के दावेदार माने जा रहे हैं.

नीरज चोपड़ा ने जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 88.06 मीटर भाला फेंककर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन पिछले एक साल में बहुत कम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है.

अब वह स्वीडन में 13 जुलाई को गेटशीड डायमंड लीग में भाग लेंगे, जो 23 जुलाई से शुरू हो रहे ओलंपिक से पहले उनका सबसे बड़ा टूर्नामेंट होगा. चोपड़ा ने फिनलैंड में कुओर्ताने खेलों में 86 .79 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता था.

स्टार फर्राटा धाविका दुती चंद, भालाफेंक खिलाड़ी अन्नु रानी और 400 मीटर के बाधा धावक एमपी जबीर ने विश्व रैंकिंग के जरिए टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया, जबकि दो रिले टीमों के क्वालीफिकेशन की भी विश्व एथलेटिक्स ने गुरुवार को पुष्टि कर दी.

भालाफेंक स्टार नीरज चोपड़ा समेत 12 खिलाड़ियों ने ओलंपिक क्वालिफिकेशन मार्क हासिल करके स्वत: क्वालिफाई कर लिया, जबकि दुती, रानी, जबीर और पुरुषों की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने रैंकिंग के जरिए क्वालिफाई किया. दुती 100 ओर 200 मीटर में 56 खिलाड़ियों की सूची में क्रमश: 41वें और 50वें स्थान पर थी. वहीं, रानी 32 में 18वें और जबीर 40 में 32वें स्थान पर थे.

मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने भी ओलंपिक का टिकट कटाया. यह टीम 2019 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंची थी. लंबी कूद के खिलाड़ी एम श्रीशंकर, शॉट पुट खिलाड़ी तेजिंदर पाल सिंह तूर, चक्काफेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कोर और सीमा पूनिया ने इस साल क्वालिफाई किया.