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बंगाल के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. केंद्र द्वारा अलपन को नोटिस भेजा गया है, जिसमें तमाम आरोपों पर 30 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-06-22 11:26:30

केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार में तकरार लगातार जारी है. बंगाल के पूर्व चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. केंद्र द्वारा अलपन को नोटिस भेजा गया है, जिसमें तमाम आरोपों पर 30 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है. जवाब ना देने पर अलपन को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सभी सुविधाओं को रोका जा सकता है.

केंद्र द्वारा दिए गए नोटिस में जानकारी दी गई है कि केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया गया है. अलपन बंदोपाध्याय पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है. 1987 बैच के आईएएस अफसर अलपन को तमाम आरोपों का तीस दिन के भीतर जवाब देना होगा. 

बता दें कि नियमों के मुताबिक, केंद्र सरकार के पास ये अधिकार है कि किसी अधिकारी को ऐसे मामलों में दोषी करार दे सकती है और उनपर एक्शन ले सकती है. साथ ही केंद्र सरकार तमाम पेंशन, ग्रेचुअठी समेत अन्य फंड को रोक सकती है.

अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार में लंबे वक्त से तकरार जारी थी. पहले अलपन बंदोपाध्याय को तीन महीने का एक्सटेंशन मिला था, लेकिन बाद में बंगाल सरकार से तकरार के बीच केंद्र ने उन्हें दिल्ली तलब किया था. हालांकि, अलपन ने दिल्ली आने से इनकार कर दिया था. 

इस सबके बीच अलपन ने चीफ सेक्रेटरी का पद छोड़ दिया था और खुद को रिटायर बताया. इसके तुरंत बाद ममता बनर्जी ने उन्हें अपना चीफ एडवाइज़र बना दिया था. इसके अलावा साइक्लोन यास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बंगाल में मीटिंग की थी, उसमें से भी अलपन नदारद रहे थे, जिसपर केंद्र ने उनसे जवाब मांगा था.