केंद्र और बंगाल कोरोना मामलों (Corona cases in bengal) की रिपोर्टिंग को लेकर आपस में भिड़े हुए हैं। बंगाल जानबूझकर अपने यहां कम आंकड़े दिखा रहा है। इसके अलावा बंगाल में अपेक्षाकृत कम टेस्टिंग की गई है। बंगाल के बाद 6 फीसदी मृत्यु दर के साथ मध्य प्रदेश और गुजरात का स्थान है।
कोलकाता
देश में कोरोना (Coronavirus) मरीजों का आंकड़ा 50,000
के
पार चला गया है। इस बीच बंगाल से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे चौंकाने वाले हैं। कोरोना
से सबसे ज्यादा मृत्यु दर पश्चिम बंगाल में दिख रही है, जो ममता सरकार के अलावा
केंद्र की भी चिंता बढ़ा रही है। केंद्र का अभी भी मानना है कि बंगाल जानबूझकर
अपने यहां कम आंकड़े दिखा रहा है। बंगाल के बाद क्रमश: मध्य प्रदेश और गुजरात का
स्थान है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा
आंकड़ों के अनुसार, बंगाल मृत्यु दर में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार को
स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साझा किए गए बंगाल के आंकड़ों के अनुसार, बंगाल में मृत्यु दर अभी 10 फीसदी पर पहुंच चुकी है।
बंगाल के बाद 6 फीसदी मृत्यु दर के साथ मध्य प्रदेश और गुजरात का स्थान है। इन
दोनों ही राज्यों में लॉकडाउन के सेकंड फेज की घोषणा के बाद से मृत्यु दर में तेजी
आने लगी थी।
महाराष्ट्र में ज्यादा मामले पर मृत्यु दर 4 फीसदी
महाराष्ट्र और दिल्ली कोरोना संक्रमण के मामलों में देश में
सबसे आगे हैं, लेकिन इन राज्यों में मृत्यु दर क्रमशः 4% और 1% है। दिल्ली कोरोना के सक्रिय
मामलों में पहले स्थान पर है। दिल्ली मरीजों के सही होने की दर के मामले में 28% रिकवरी रेट के साथ टॉप 5 राज्यों में है।
बंगाल पर
आंकड़े छिपाने का आरोप
वहीं केंद्र और बंगाल कोरोना मामलों की रिपोर्टिंग को लेकर आपस
में भिड़े हुए हैं। दोनों के बीच मामला तब और अधिक बढ़ गया, जब केंद्र ने बंगाल में
कोरोना वायरस की जमीनी सच्चाई जानने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMCT)
भेजने
का निर्णय लिया था। राज्य ने इसे 'स्टेट सब्जेक्ट' में केंद्र का हस्तक्षेप
बताते हुए केंद्र के इस निर्णय का तीव्र विरोध किया।
केंद्र का अभी भी मानना है
कि बंगाल जानबूझकर अपने यहां कम आंकड़े दिखा रहा है। इसके अलावा बंगाल में
अपेक्षाकृत कम टेस्टिंग की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को
बताया, 'टेस्टिंग संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। जैसे ही पश्चिम
बंगाल ने अपने आंकड़े गिनाए, राष्ट्रीय मामलों में वृद्धि हो गई है। अभी भी मृत्यु दर की सही
जांच होना बाकी है।'
दिल्ली भी नहीं
है पीछे
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली
में कोरोना के मामले उच्चतम स्तर पर हैं। प्रति 10 लाख जनसंख्या पर पाए जाने
वाले मरीजों की संख्या के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर है। इससे पता चलता है
कोरोना का संक्रमण कितना अधिक बढ़ चुका है। दिल्ली में प्रति दस लाख लोगों पर 275 लोग संक्रमित हैं।
'ज्यादा टेस्ट वाले राज्य ही
समस्या पकड़ सकेंगे'
इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है जहां प्रति दस लाख लोगों पर 136 लोग कोरोना के मरीज हैं।
गुजरात में यह संख्या 96 है। मंत्रालय ने कोरोना की बढ़ती संख्या का संबंध बढ़ती
टेस्टिंग संख्या से भी जोड़ा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 'जो राज्य तेजी के साथ
टेस्टिंग कर रहे हैं, वही असली समस्या पकड़ सकेंगे। फलस्वरूप कोरोना मामलों की संख्या
में भी वृद्धि होगी। इसका एक अर्थ यह भी है कि राज्यों को तेजी के साथ टेस्टिंग
संख्या बढ़ानी होगी।'
देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस
संक्रमण के कारण 89 लोगों की मौत हो जाने के बाद इस बीमारी से मरने वालों की
संख्या बढ़कर 1,783 हो गई है। इस दौरान 3,561 संक्रमण के नए मामले सामने
आने के साथ ही संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 52,952 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय
ने बताया कि संक्रमण से 15,266 मरीज ठीक हो गए हैं और एक रोगी देश से बाहर जा चुका है।
कोविड-19 से संक्रमित 35,902 मरीजों का इलाज चल रहा है।