स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, देश में 22 जून सुबह 8 बजे तक 86,16,373 खुराकें दी गईं. इसमें सबसे अव्वल मध्य प्रदेश रहा. राज्य में सोमवार को 16 लाख से अधिक लोगों को कोरोना रोधी टीके की खुराक दी गई.
नई दिल्ली. देश में कोरोना रोधी टीकाकरण (Vaccination
In India) की
संशोधित दिशानिर्देशों के बाद 21 जून को सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन किया गया. स्वास्थ्य और
परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में 22 जून सुबह 8 बजे तक 86,16,373
खुराकें
दी गईं. सभी राज्यों में सबसे ज्यादा टीकाकरण मध्य प्रदेश (Vaccination
In Madhya Pradesh) में किया गया. यहां 16 लाख से अधिक लोगों को कोविड
रोधी टीके की खुराक दी गई. अकेले इंदौर जिले में 2.2 लाख टीके की खुराक लगाई गई.
सोमवार को दिल्ली में हुए टीकाकरण से यह तीन गुना ज्यादा है.
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि 'मध्य प्रदेश ने आज 10 लाख लोगों को टीकाकरण का लक्ष्य
रखा था लेकिन राज्य की क्षमता को देखते हुए केंद्र ने हमें पांच लाख अतिरिक्त
खुराक देने की बात कही. इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra
Modi) का
शुक्रगुजार हूं. यह हमारे जनभागीदारी मॉडल की जीत है.' बता दें इससे पहले 14 जून को राज्य में सबसे ज्यादा 4.9 लाख कोविड रोधी टीके की खुराक
लगाई गई थी.
इंदौर के बाद भोपाल में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन
इंदौर के
बाद सबसे ज्यादा 1.37 लाख खुराक भोपाल जिले में लगाई गई. उज्जैन में करीब एक लाख खुराक
दी गई. ग्वालियर, जबलपुर
और धार जैसे पांच अन्य जिलों में 50,000 से अधिक खुराक दी गई. मध्य
प्रदेश ने सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश द्वारा किए गए टीकाकरण से
दोगुनी संख्या में लोगों को वैक्सीनेट किया.
मध्य
प्रदेश ने वैक्सीनेशन के लिए खास स्टेट लेवल कंट्रोल रूम बनाया था. इसके साथ ही 8,000 से अधिक टीकाकरण केंद्र भी शुरू
किए गए थे. मुख्यमंत्री ने सोमवार को तीन जिलों दतिया, भोपाल और सीहोर के टीकाकरण
केन्द्रों का दौरा किया. वह बीते एक हफ्ते से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित
करने के लिए वर्चुअल संवाद भी कर रहे हैं. राज्य में वैक्सीनेशन के मुद्दे पर
अधिकारियों के साथ सीएम की अध्यक्षता में खूब बैठकें भी हुईं.
सरकार ने क्या किए थे इंतजाम?
सरकार ने
सोमवार को वैक्सीनेशन सेटंर्स पर लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था की. वैक्सीनेशन
कराने आए लोगों के अनुभव रिकॉर्ड किए और सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार
किया. वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोगों का अधिकारियों द्वारा कई केंद्रों पर टीका
लगाकर स्वागत किया गया. राज्य सरकार के सभी मंत्री भी अपने क्षेत्रों में थे ताकि
ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को टीकाकरण के लिए उत्साहित किया जा सके.
सीएम ने भी टीका लेने वाले लोगों को शपथ दिलाई कि वह दूसरे लोगों
को भी वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कुछ बच्चों को भी सम्मानित
किया. इन बच्चों ने अपने बड़ों को वैक्सीनेशन के लिए मनाया था. इसके साथ ही
वृद्धों और दिव्यांगों के लिए टीकाकरण की खास व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही नोबेल पुरस्कार
विजेता कैलाश सत्यार्थी सरीखे लोगों ने सोशल मीडिया पर जनता से टीकाकरण कराने की
अपील की. राज्य सरकार द्वारा गांव, तहसील और जिला स्तर पर गठित
क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटियों ने भी वैक्सीनेशन में अहम भूमिका निभाई.
जारी रहेगा टीकाकरण अभियान
सीएम ने
कहा कि यह मेगा अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा क्योंकि टीकाकरण महामारी
को हराने का सबसे अच्छा तरीका है. उन्होंने 1 जुलाई, 2 और 3 जुलाई को भी विशेष टीकाकरण
अभियान की घोषणा की. सीएम ने कहा कि 'आज की सफलता यह बता रही है कि
टीकाकरण को लेकर लोगों के मन में कोई संदेह और झिझक नहीं है. मैंने आज दतिया जिले
के एक अनुसूचित जाति बहुल गांव परसारी और सीहोर में एक अनुसूचित जनजाति बहुल गांव
सिराली का दौरा किया, जहां
लोगों ने पूरे उत्साह के साथ टीकाकरण अभियान में भाग लिया.'
मध्यप्रदेश अब तक कुल 1.66
करोड़
डोज लगाई जा चुकी है इसमें से 21 लाख सेकेंड डोज भी शामिल है.
इंदौर और भोपाल जैसे जिलों पर कोविड की पहली और दूसरी लहर का असर देखने को
मिला. हाालंकि इस बार एमपी में कोरोना की स्थिति इस महीने शुरूआत
में ही नियंत्रित कर ली गई.