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  • Fastag FAQ: फास्टटैग कहां से लगवाएं, कैसे बनवाएं, कहां रिचार्ज करवाएं, कौन से डॉक्युमेंट चाहिए...
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फास्टटैग को पूरे देश में लागू कर दिया गया है। अब अगर आपकी कार में फास्टटैग नहीं है और आप कैश देकर टोल प्लाजा से निकलना चाहते हैं तो आपको डबल टोल टैक्स देना होगा। इससे जुड़े कई सवाल आपको मन में आ रहे होंगें। एनबीटी गोल्ड से खास बातचीत में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स असोसिएशन (FADA) के प्रेजिडेंट विंकेश गुलाटी ने दिए ऐसे ही कई सवालों को जवाब:

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-02-17 11:11:32

1.   फास्टटैग पूरे देश में अनिवार्य हो चुका है लेकिन क्या इसके लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है?
सहूलियत के हिसाब से भी देखें तो फास्टटैग एक बहुत अच्छी प्रणाली है लेकिन इंप्लीमेंट करने में दिक्कत आ रही है जिससे लगता है कि अभी भी हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है, हालांकि काफी हद तक इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार ने तैयार करवा लिया है।

2.   इसका क्या मकसद है, इससे क्या फायदा होगा, क्या टोल पर लगने वाली लंबी लाइनें खत्म हो जाएंगी?
इसका मकसद तो यही है कि टोल पर लगने वाले जाम खत्म हो जाएं। इंडिया में भले ही यह अभी आया है लेकिन वेस्टर्न कंट्रीज में काफी पहले से चल रहा है। प्रैक्टिकली देखें तो अगर यह सिस्टम सही तरह से लागू हो जाए तो टोल पर लगने वाली लाइनें खत्म हो सकती हैं। अभी किसी भी टोल को पार करने में कम से कम 10 से 15 मिनट का वक्त तो लगता ही है जिससे आपकी गाड़ी का पेट्रोल भी बर्बाद होता है और पल्यूशन भी बढ़ता है।

3.   फास्टटैग कहां से लगवाएं, कैसे बनवाएं, क्या डॉक्युमेंट्स लगते हैं और जहां से खरीदेंगे वहीं से रिचार्ज करवाना होगा?
इसके लिए बहुत से विकल्प दिए गए हैं। आप किसी भी कार डीलर के पास जा सकते हैं, किसी बैंक से बनवा सकते हैं, टोल प्लाजा से बनवा सकते हैं और ऑनलाइन भी बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको कार की आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट दिखाना होता है। जहां तक रीचार्ज की बात है तो वो भी आपके बैंक से लिंक हो जाता है और आप ऑनलाइन रिचार्ज कर सकते हैं।

4.   कितना बैलेंस रखना जरूरी है?
जब भी आप नया फास्टटैग लेते हैं तो आमतौर पर 200 रुपये का बैलेंस मिलता है। हालांकि कितना बैलेंस रखना है ये वैसे तो आप पर ही निर्भर करता है लेकिन हमारी राय यही है कि आप इसमें ठीकठाक बैलेंस रखें क्योंकि अगर टोल पर पहुंचकर आपके पैसे कम पड़ गए तो आपको दिक्कत हो सकती है।

5.   परिवहन मंत्रालय के आदेश के मुताबिक टू-वीलर्स के लिए फास्टटैग जरूरी नहीं है, तो क्या उनके लिए अलग लेन होगी?
अभी भी टू-वीलर्स के लिए टोल प्लाजा पर अलग लेन ही होती है और आगे भी इसी सिस्टम को लागू रखा जाएगा ताकि टू-वीलर्स कार वाली लेन में ना आएं और दोनों ही वाहन चलाने वालों को दिक्कत न आए।

6.   हाइवे पर बने टोल प्लाजा के पास रहने वाले लोग पहले अपना आधार कार्ड दिखाकर निकल जाते थे, अब उनके लिए क्या सिस्टम बनेगा?
नए नियमों के मुताबिक ऐसी कोई छूट तो नहीं दी गई है। लेकिन यह उस टोल प्लाजा के मैनेजमेंट पर निर्भर करेगा कि वो आसपास रहने वालों के लिए कोई किफायती पास सिस्टम बना दे।

7.   वीआईपी समेत कुछ दूसरे वाहनों को छूट मिलती है उनके लिए क्या सिस्टम रहेगा?
फास्टटैग तो हर गाड़ी पर लगाना जरूरी है लेकिन हर टोल सिस्टम पर ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि वो उन लोगों को बिना चार्ज लिए निकाल सकता है जिनको सरकार की ओर से छूट मिली हुई है।

8.   ऐसे भी लोग हैं जो कह रहे हैं कि हम तो कभी शहर के बाहर जाते नहीं तो क्या उन्हें फास्टटैग लगवाने से छूट मिल सकती है?
जिस तरह से गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, HSRP लगाने के नियम बने हैं वैसे ही फास्टटैग भी सभी को लगवाना जरूरी है। ये एक छोटा सा इंवेस्टमेंट है और आप कभी न कभी तो हाइवे पर जाएंगे ही और टोल प्लाजा से भी सामना होगा तो यह काम ही आएगा।

9.   HSRP जरूरी हुई फिर कलर स्टिकर्स का आदेश आया फास्टटैग भी जरूरी हो चुका है। इन सब से ऐसा तो नहीं लगता कि गाड़ी रखने वाले पर कुछ ज्यादा ही नियम लागू हो रहे हैं, उसकी परेशानी बढ़ती ही जा रही है?
यह बात सही है कि पिछले कुछ सालों में कई नए नियम एक के बाद एक आए। अगर कुछ ऐसा किया जाता कि एक ही बार में सारे सिस्टम एक ही सिंगल पॉइंट से जोड़ दिए जाते तो लोगों को आसानी होती लेकिन यह बात सही है कि लगातार नए नियमों को लागू करने में कार चलाने वाले का काफी वक्त और एनर्जी बर्बाद हो रही है।