देश के पूर्व एयरफोर्स चीफ बी. एस. धनोवा ने कहा कि नोटबंदी के वक्त वायुसेना ने 625 टन नोट पहुंचाए। उन्होंने राफेल खरीद विवाद पर कहा कि ऐसे विवाद से रक्षा खरीद सौदे प्रभावित होते हैं।
मुंबई
वायुसेना के पूर्व एयर मार्शल बी एस धनोवा ने कहा है कि 2016 में नोटबंदी के बाद वायुसेना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 625 टन नए नोट पहुंचाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोट को अमान्य घोषित किया था। इंडियन
इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी मुंबई में आयोजित टेकफेस्ट कार्यक्रम
में धनोवा ने यह जानकारी दी।
नोटबंदी के बाद वायुसेना ने
चलाए 33 अभियान
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘जब नोटबंदी हुई थी तब
वायुसेना ने आप तक मुद्रा पहुंचाने का काम किया था। अगर 20 किलोग्राम के बैग में एक करोड़ रुपये आते हैं तो मैं बता नहीं सकता कि कितने
करोड़ रुपये हमने पहुंचाए।’ धनोवा के प्रेजेंटेशन के एक स्लाइड में यह दिखाया गया
कि नोटबंदी की घोषणा के बाद देश की सेवा के तहत वायुसेना ने 33 अभियान चलाए और 625 टन मुद्राओं की खेप पहुंचाई।
बोपोर्स और राफेल विवाद पर भी
बोले धनोवा
धनोवा 31 दिसंबर,
2016 से 30 सितंबर, 2019 तक वायुसेना के प्रमुख थे। टेकफेस्ट कार्यक्रम के
दौरान उन्होंने राफेल खरीद सौदे को लेकर विवाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि
ऐसे विवाद रक्षा अधिग्रहणों को धीमा कर देते हैं तथा इससे सेना की क्षमता प्रभावित
होती है। उन्होंने कहा, ‘बोफोर्स सौदा (राजीव गांधी सरकार के दौरान) भी विवाद
में घिर गया था जबकि बोफोर्स तोप बेहतर थे।’
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पिछले साल बालाकोट कार्रवाई
के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच गतिरोध के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान मिग 21 की बजाय राफेल उड़ाते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।