• Home
  • News
  • Mulayam Singh Yadav हैं इस जिले के सांसद, शहर का नाम बदलने की हो रही तैयारी
post

यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद लगातार शहरों और प्रमुख स्थलों के नाम बदले जा रहे हैं. इस कड़ी में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया गया है. साथ ही मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम भी दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर किया जा चुका है.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-08-17 11:01:00

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो रही है. सत्ताधारी बीजेपी जनता के बीच आशीर्वाद लेने के लिए पहुंच रही है तो वहीं सपा और बसपा जैसे दल फिर से लोगों की बीच भरोसा बढ़ाने की जुगत में हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी का नाम बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है. बता दें इस सीट से सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) वर्तमान में सांसद हैं.

मैनपुरी का नाम बदलेगा?  

जिला पंचायत की बैठक में मैनपुरी का नाम बदलकर मयन नगर रखने का प्रस्ताव रखा गया है जिसपर फिलहाल सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि इस विषय पर अगली बैठक में चर्चा की जानी है और अगर प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो राज्य सरकार को यह मांग भेजी जा सकती है. 

पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया की अगुवाई में सोमवार को पहली बैठक आयोजित हुई थी जिसमें जिला पंचायत के सदस्य भी मौजूद थे. इस बैठक में ही मैनपुरी का नाम बदले जाने का प्रस्ताव आया था लेकिन सदस्यों ने इस पर सहमति बनाने के लिए कुछ वक्त मांगा है जिसके बाद फिलहाल के लिए यह प्रस्ताव टल गया.

यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद लगातार शहरों और प्रमुख स्थलों के नाम बदले जा रहे हैं. इस कड़ी में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया गया है. साथ ही मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम भी दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर किया जा चुका है. ऐसे ही फिरोजाबाद का नाम बदलने की मांग भी पिछले दिनों उठ चुकी है.

क्यों अहम है मैनपुरी?

मैनपुरी को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और पिछले करीब दो दशक से इस लोक सभा सीट से सपा प्रत्याशी को जीत मिलती आई है. सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल इस सीट से सांसद हैं और पहले भी 4 बार वह यहां से चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा मुलायम परिवार के धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं. साथ ही मुलायम सिंह का पैतृव गांव सैफई भी यहां से काफी करीब पड़ता है और जिले की सीमाएं इटावा और एटा के साथ जुड़ी हुई हैं.