AIMIM ने यूपी चुनाव में उतरने की तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए बाकायदा AIMIM ने अपनी तरफ से MLA कैंडिडेट आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी
है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौरा
जारी है तो वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने छोटे दलों के साथ
गठबंधन के सभी रास्ते खोल दिए हैं.
इन सबके बीच ऑल
इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने चुनाव में उतरने
की तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए बाकायदा AIMIM ने अपनी तरफ से MLA
कैंडिडेट
आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है. आवेदन पत्र के साथ वफादारी का कॉन्ट्रैक्ट भी
शामिल किया गया है, जिसक
लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
वफादारी के
कॉन्ट्रैक्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि आवेदनकर्ता टिकट न मिलने की
स्थिति में भी पार्टी के लिए ईमानादरी से काम करते हुए चुनाव में पार्टी के लिए
प्रचार करेगा. हालांकि, इस
बीच आवेदनकर्ताओं को 10,000 रुपये की आवेदन फीस भी अदा करनी होगी, जिसे आवेदन शुल्क
माना जा रहा है.
100 सीटों पर लड़ने का
प्लान
चुनान
लड़ने के इच्छुक नेताओं से आवेदनपत्र भरवाकर एक लिस्ट तैयार की जा रही है. पार्टी
सूत्र बता रहे हैं कि असदुद्दीन ओवैसी ही टिकट पर अंतिम फैसला करेंगे, जिसके लिए ओवैसी का
जल्द ही यूपी दौरा प्रस्तावित है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली बताते हैं कि
हमने यूपी की 100 मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर लड़ने का मन मनाया है.
AIMIM प्रदेश अध्यक्ष
शौकत अली ने कहा कि इस बात को लेकर भी चर्चा हो चुकी है कि गठबंधन किससे किया जाए, हालांकि अभी तक
इसपर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन हमारे लिए
सपा और बसपा दोनों के दरवाजे खुले हुए हैं.
गौरतलब है कि इससे
पहले AIMIM 2017 के चुनाव में यूपी में हाथ आजमा चुकी है, लेकिन बुरी तरह
असफल रही रही थी. AIMIM ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने
प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें
एक भी सीट पर सफलता हासिल नहीं हुई थी. पार्टी को पूरे उत्तर प्रदेश में 205,232
वोट
मिले जोकि मात्र 0.2 प्रतिशत ही थे.
लेकिन पिछले साल
बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली कुछ सीटों से उत्तर प्रदेश में
उत्साह बढ़ा हुआ है. देखना ये होगा AIMIM यूपी में मुस्लिम
वोटों में सेंधमारी में कितनी सफल हो पाती है.