राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अंदर घमासान मचा हुआ है. वसुंधरा के समर्थक वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं तो पार्टी प्रभारी का कहना है कि मुख्यमंत्री तय करना समर्थकों के हाथ में नहीं है.
राजस्थान में पिछले एक हफ्ते से
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
के अंदर
मचे घमासान के बीच पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह को जयपुर भेजा गया है.
वसुंधरा समर्थकों के वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री (CM) का चेहरा घोषित करने की मांग पर
अरुण सिंह ने कहा कि BJP
में यह
परंपरा नहीं है और हमारे लिए चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है.
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा
कि हम दूसरे राज्यों में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे
हैं. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हम बिना CM के चेहरे के चुनाव जीत चुके हैं.
मुख्यमंत्री बनाना समर्थकों के हाथ में नहीं है. समर्थक मांग करते रहते हैं लेकिन
मुख्यमंत्री का फैसला BJP
का संसदीय
बोर्ड ही तय करता है.
BJP ऑफिस के बाहर से पूर्व
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तस्वीर हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ऑफिस के
बाहर ऑफिशियल पोस्टर लगाए जाने के लिए प्रोटोकॉल तय है. फिर भी जिस नेता को समझ
में नहीं आर हा है उसे हम समझा देंगे.
'कौन क्या कर रहा, सबकी जानकारी'
राज्य में पार्टी के अंदर जारी
विवादों के बीच अरुण सिंह ने कहा कि कौन क्या कर रहा है. इसकी पूरी जानकारी
केंद्रीय नेतृत्व को है और मैं भी रोज रात 9 बजे राजस्थान के संगठन से फीडबैक लेता हूं.
अरुण सिंह के कड़े तेवर वसुंधरा
समर्थकों के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है हालांकि अरुण सिंह के जयपुर आने
पर एयरपोर्ट पर उन्हें लेने के लिए विधायक कालीचरण सर्राफ और सुमन शर्मा पहुंचे जो
वसुंधरा समर्थक हैं.
पिछले दिनों राजस्थान के पूर्व
विधायक प्रहलाद गुंजल के बाद पूर्व मंत्री भवानी सिंह राजावत ने भी कहा था कि जिस
तरह से देश में बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री मोदी हैं उसी
तरह से राजस्थान में बीजेपी के लिए वसुंधरा राजे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान
में वसुंधरा राजे के अलावा किसी का चेहरा नहीं चलेगा. पूरी पार्टी वसुंधरा राजे के
दम पर सत्ता में आयी थी अगर वह नहीं होंगी तो बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी. फिर पूर्व
मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा भी समर्थन में उतर आए.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के 15 उम्मीदवार बीजेपी में घूम रहे हैं जिन्हें कोई नहीं
पूछता है.
मौजूदा प्रदेश नेतृत्व के बारे में उन्होंने यह भी कहा कि
इसमें किसी भी नेता के पास कोई दम नहीं है.