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  • सौरभ गांगुली और जय शाह का बढ़ेगा कार्यकाल या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज
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सौरभ गांगुली और जय शाह का बीसीसीआई प्रमुख और सचिव पद पर कितने समय के लिए रहेंगे, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। गांगुली (Sourav Ganguly) का कार्यकाल 27 जुलाई, जबकि सचिव जय शाह (Jay Shah) का कार्यकाल मई में समाप्त हो चुका है।

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2020-07-22 11:19:48

मुंबई
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) प्रमुख सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) का कार्यकाल 27 जुलाई को खत्म होगा, जबकि सचिव जय शाह (Jay Shah) का कार्यकाल मई में ही खत्म हो चुका है। क्या सौरभ गांगुली और जय शाह को 2025 तक बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव के रूप में अगला कार्यकाल मिलेगा या नहीं, इस पर फैसला आज हो सकता है। इस मामले पर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े और एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ आज सुनवाई करेगी।

बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है। गांगुली और शाह ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल 9 महीने बचे थे। इस बीच बीसीसीआई ने 21 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर शाह और गांगुली के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी।

दरअसल, बोर्ड की एजीएम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने का फैसला किया गया था। हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की जरूरत है। बोर्ड चाहता है कि इन दोनों का कार्यकाल 2025 तक यानी 4 वर्ष तक के लिए बढ़ जाए। ये दोनों ही बोर्ड में बेहतर काम कर रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब बीसीसीआई में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की प्रतिनिधि अलका रेहनी भारद्वाज (भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा अधिकारी) ने जय शाह के 17 जुलाई को BCCI एपेक्स की बैठक में भाग लेने पर आपत्ति जताई। इसकी वजह थी उनका कार्यकाल नए BCCI संविधान के अनुसार होना।

ऐसा है मौजूदा नियम
मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं जो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें अगले साल पद छोड़ना होगा लेकिन छूट दिए जाने के बाद वह 2025 तक पद पर बने रह सकते हैं।

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