टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मंगलवार सुबह भारत और बेल्जियम के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला खेला गया. दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर हुई.
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo
Olympics) में
मंगलवार सुबह भारत और बेल्जियम के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला खेला गया. दोनों टीमों
के बीच कांटे की टक्कर हुई. करीब चार दशक के बाद भारतीय टीम के सामने ओलंपिक में
गोल्ड या सिल्वर मेडल जीतने का मौका था, ऐसे में पूरा देश
अपनी टीम का हौसला बढ़ा रहा था.
भारत ने सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों 5-2 से मुकाबला गंवा दिया. हालांकि, अब भी भारत के पास ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने का मौका है.
पीएम मोदी ने भी
देखा मैच
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया कि वह भी भारत और बेल्जियम का सेमीफाइनल
मैच देख रहे हैं. हमारी टीम और उनकी स्किल पर हमें गर्व है, सभी को बेस्ट ऑफ
लक.
ना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों के परिवार ने भी मैच के दौरान अपनी टीम का हौसला बढ़ाया. भारतीय टीम में डिफेंडर की भूमिका निभाने वाले वरुण के माता-पिता भी सुबह से ही टीवी के सामने बैठे रहे और अपने बेटे का हौसला बढ़ाया.
टीम इंडिया में फॉरवर्ड पॉजिशन पर खेलने वाले गुरजंत
सिंह के ने परिवार भी अमृतसर में मैच देखा और टीम का हौसला बढ़ाया.
भारतीय टीम का हौसला बढ़ाने के लिए सुरक्षाबलों के जवान भी आए. जम्मू में CRPF
के
जवान भारत और बेल्जियम का मुकाबला देख रहे हैं. जवानों ने टीम इंडिया का हौसला
बढ़ाया, भारत
माता की जय के नारे लगाए.
भारत की ओलंपिक टीम करीब 49 साल के बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. वहीं, करीब चार दशक के
बाद टीम इंडिया ओलंपिक में मेडल जीतने की दहलीज पर खड़ी है. टीम इंडिया ने जिस तरह
का प्रदर्शन किया है, उसने
एक बार फिर भारतीय हॉकी के स्वर्णिम काल की याद दिलाई है.