Covid Vaccine For Senior Citizens And General Public: 3 करोड़ हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्करों को टीका लगाने के बाद सरकार का इरादा 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाने का था, लेकिन कई राज्यों में टीकाकरण की रफ्तार धीमी रहने से पहले 60 साल के बुजुर्गों को टीका लगाने का फैसला हुआ है।
60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 1 मार्च यानी सोमवार से टीका लगने लगेगा। देश के सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त लगेगा। प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन का पैसा देना होगा। इसकी कीमत क्या होगी, इस पर सरकार जल्द फैसला लेगी। आम लोगों के लिए टीकाकरण के इस चरण को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन 10 हजार सरकारी केंद्रों और 20 हजार प्राइवेट अस्पतालों में लगेगी। केंद्र के 60 साल से ज्यादा के मंत्री अगर सरकारी अस्पतालों में टीका लगवाएंगे तो उन्हें इसका दाम चुकाना होगा।
टीके की एक डोज की कीमत पर टीका बनाने वाली कंपनियों और
प्राइवेट अस्पतालों से बात की जा रही है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर से जब
पूछा गया कि क्या लोगों को देश में लग रहे दो टीकों में से किसी एक को चुनने की
आजादी होगी, तो
उन्होंने यही कहा कि देश में लग रहे दोनों टीके- सीरम के कोविशील्ड और भारत
बायोटेक के कोवैक्सिन, दोनों
ही कोरोना पर प्रभावी हैं। आपको वैक्सीन पर जो जानना जरूरी है, आइए
बताते हैं।
1 मार्च से किसे लगेगी वैक्सीन?
60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से जुझ रहे 45 साल से ज्यादा
उम्र के लोगों को लगेगी वैक्सीन। इनकी तादाद 27 करोड़ है।
वैक्सीन के लिए कैसे रजिस्टर करना होगा?
अभी इस बारे में नियम तय होने हैं, लेकिन टीका
लगवाने वाले को को-विन ऐप डाउनलोड कर उसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए क्या दस्तावेज जरूरी होंगे?
उम्र आदि तय करने के लिए सरकार वोटर ID या आधार कार्ड
से डेटा लेने पर विचार कर रही है। अन्य ID का विकल्प भी
मिलेगा।
कैसे तय होगा, कौन है गंभीर रूप से बीमार?
अभी यह भी ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन कैंसर, किडनी और दिल
संबंधी बीमारी, डायबीटीज, हाइपरटेंशन को इसमें जोड़ा जा सकता है।
क्या टीके का केंद्र और तारीख चुन सकेंगे?
को-विन ऐप में यह सुविधा मिलने जा रही है कि लोग टीका लगवाने के लिए घर के पास
का केंद्र और तारीख चुन सकें। सरकारी और प्राइवेट सेंटर चुनने का विकल्प मिलेगा।
हेल्थ एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
हेल्थ
एक्सपर्ट्स ने केंद्र सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया है और कहा है कि यह बहुत
पॉजिटिव अप्रोच है। इससे वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ेगी और हमारे टारगेट ग्रुप जल्द
से जल्द कवर हो पाएंगे। एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर एम. सी. मिश्रा ने कहा कि
यह सही फैसला है। चूंकि हेल्थकेयर वर्कर्स व फ्रंटलाइन वर्कर्स वैक्सीनेशन के लिए
पूरी तरह से सामने नहीं आ रहे हैं और दूसरी तरफ लगभग 27 करोड़ की आबादी
वैक्सीनेशन के लिए इंतजार कर रही थी। अब उनके लिए रास्ता खुल गया। उन्होंने कहा कि
वैक्सीनेशन स्वैच्छिक है, इसलिए जबरदस्ती नहीं कर सकते। जिन्हें लेनी है वे तो वैक्सीन लेने आ गए, जिन्हें नहीं
आना है वो अभी भी बचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में जो लोग जरूरतमंद हैं, उनका वैक्सीनेशन
जरूरी है। डॉक्टर एम. सी. मिश्रा ने कहा कि 45 से 60 साल की उम्र के
लोगों से वैक्सीन के एवज में कुछ पैसे लिए जाने की योजना है, हालांकि यह उनके
ऊपर है। अगर वे चाहें तो पैसे दें, नहीं तो नहीं भी
दें।
वहीं इस बारे
में गोयल हॉस्पिटल एंड यूरोलॉजी सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर अनिल गोयल ने कहा कि जो
लोग बीमार हैं, उनके लिए तो वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है क्योंकि को-मॉर्बिडिटी की वजह से उन्हें
संक्रमण होने पर ज्यादा खतरा है। ऐसे लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन होना
चाहिए। सरकार का यह फैसला कारगर साबित होगा और देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में
तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को शामिल करना अच्छी बात है, इससे लोगों के
पास ऑप्शन होगा।