यूरेनियम (Uranium in India) का यह भंडार इंडो-चाइना बॉर्डर (Indo-China border) के तीन किलोमीटर पर मिला है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश (Madhya pradesh), झारखंड (Jharkhand news), उत्तर प्रदेश (UP news) और राजस्थान (Rajasthan) समेत कई राज्यों में यूरेनियम की खोज चल रही है।
भारत में
यूरेनियम का बड़ा भंडार हो सकता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद
है कि इंडो-चाइना बॉर्डर से तीन किलोमीटर अरुणाचल प्रदेश में यूरेनियम का खजाना
है। अब इस जगह को संरक्षित करके खुदाई शुरू हो चुकी है,
जिसमें अच्छे संकेत मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि देश में यह पहली बार
है जब यूरेनियम के भंडार की खोज के लिए किसी जगह को रिजर्व किया जा रहा है।
परमाणु खनिज निदेशालय,
अन्वेषण और अनुसंधान के निदेशक डॉ. डीके सिन्हा ने कहा, 'हमें केंद्र से प्रोत्साहन मिला और खोजबीन की है।
पहाड़ियों की वजह से हेलिबॉर्न से खोज करने की कोई संभावना नहीं थी। लेकिन हम लोग
खोज करने के लिए पैदल पहाड़ियों के ऊपर चढ़े।'
उन्होंने बताया कि वह मेचुका घाटी में भारतीय सीमा के सबसे दूर के गांव में
गए।
पश्चिम सियांग जिले में मिला
डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि यूरेनियम के लिए खोज
में उन लोगों को पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले। अभी आगे और भी गतिविधि जारी रहेगी, जिसके परिणामस्वरूप खनन होगा। यह खोज जमीनी स्तर से लगभग 619 मीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के
ऐलो में हुई। यूरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के लिए किया जाता है जिसे
अच्छा ऊर्जा माना जाता है।
इसलिए हो सकी खोज
परमाणु ईंधन परिसर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी
दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में खोज करने के पीछे एक कारण सुलभता है।
दूसरी बात, राजनीतिक स्थिति ने इस तरह की गतिविधि करने के लिए स्थितियां और
ज्यादा अनुकूल हो गईं।
इन राज्यों में चल रहे प्रयास
हिमाचल प्रदेश में यूरेनियम की खोज के लिए भी प्रयास
किए जा रहे हैं, जबकि मणिपुर ने भी खोज के लिए अपनी अनुमति दे दी है। असम, नगालैंड, गुजरात, एमपी, यूपी, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी काम चल रहा है।