यूरोपीय संघ की तरफ से शुरू ग्रीन पास लिस्ट में भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को जगह नहीं मिली है. फिलहाल कुछ चार वैक्सीन को इसमें मान्यता मिली है. इसके पीछे की वजह यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने बताई है.
ग्रीन पास के लिए यूरोपीय संघ द्वारा कोविशील्ड को अब तक मंजूरी क्यों नहीं दी गई है, इसपर यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (EMA) का बयान आ गया है. EMA ने साफ किया सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड को अब तक मंजूरी इसलिए नहीं मिली है क्योंकि उसके पास यूरोपियन यूनियन में अपनी वैक्सीन को बेचने की मंजूरी नहीं है. बता दें कि ग्रीन पास को EU का वैक्सीन पासपोर्ट भी माना जा रहा है, इसकी मदद से यूरोप के देशों में एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान होगा.
इंडिया
टुडे के मेल का जवाब देते हुए EMA की कम्युनिकेशन ऑफिसर जाला ग्रुडनिक ने बताया, 'यूरोपियन यूनियन में कोविशील्ड
वैक्सीन के पास अभी मार्केटिंग के अधिकार नहीं हैं. चाहे वह एस्ट्राजेनिका की
वैक्सजेवरिया वाली उत्पादन तकनीक से ही क्यों ना बनी हो. लेकिन निर्माण की
परिस्थितियों में जरा या बदलाव भी फाइनल प्रोडक्ट में बदलाव ला सकता है.' कहा गया कि वैक्सीन बायोलॉजिकल
प्रोडक्ट हैं,
इसलिए ऐसा
होता है.
कोविशील्ड
को देना होगा आवेदन
कोविशील्ड
को EU
की मंजूरी
के लिए क्या करना होगा,
इसकी भी
जानकारी दी गई. बताया गया कि इसके लिए EU निर्माण स्थल और उत्पादन प्रक्रिया को
जांचेगा. इसके बाद ही क्लीयरेंस मिल सकता है. EMA की तरफ से आगे कहा गया कि फिलहाल
एस्ट्राजेनिका की तरफ से सिर्फ वैक्सजेवरिया वैक्सीन के लिए विपणन प्राधिकरण आवेदन
मिला था. जिसकी जांच EMA
ने की और
मंजूरी दी. बताया गया कि अगर वैक्सीन उत्पादक की तरफ से अगर आवेदन किया जाएगा, तो आगे सोचा जाएगा.
EMA
ने अबतक
कुल चार कोरोना टीकों को मंजूरी दी है. इसमें कॉमिरनाटी (बायोटेक-फाइजर), मॉडर्ना, वैक्सजेवरिया
(ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनिका) और जानसेन (जॉनसन एंड जॉनसन) शामिल है. दरअसल, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनिका ने भारत
में सीरम इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर अपनी वैक्सीन को कोविशील्ड नाम दिया है. वहीं
ब्रिटेन-यूरोपीय देशों में इसका नाम वैक्सजेवरिया है.
क्या
है ग्रीन पास का फायदा
ग्रीन पास
सिस्टम में एक सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसपर क्यूआर कोड होगा. इसका लाभ यह होगा कि यूरोपीय देशों में
यात्रा करने वालों को क्वारंटाइन, दूसरे कोरोना टेस्ट के चक्कर में नहीं पड़ना होगा. इन सर्टिफिकेट पर
पहले से लिखा होगा कि यात्री को वैक्सीन कब लगी, कब उसका कोरोना टेस्ट हुआ या वह
कब कोरोना से ठीक हुआ