• Home
  • News
  • ना बिल गेट्स, ना वॉरेन बफे... इस भारतीय को चुना गया सदी का सबसे बड़ा दानवीर
post

जमशेदजी टाटा नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के संस्थापक थे. जमशेदजीदेश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी हैं.

Written By newsonline | Ahmedabad | Published: 2021-06-24 11:58:50

भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata) देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी हैं. इस मामले में वह बिल एवं मेलिंडा गेट्स से भी आगे हैं. 100 साल में दान करने के मामले में उनके जैसा कोई परोपकारी दुनिया में नहीं हुआ है. 

गौरतलब है कि जमशेदजी टाटा नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले कारोबारी समूह टाटा के संस्थापक थे. उनका जन्म 1839 में गुजरात के नवसारी में हुआ था. साल 1904 में ही उनका निधन हो गया था. उन्हें भारतीय उद्योग का जनक कहते हैं. उन्होंने मुख्यत: शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दान किया. उनके परोपकारी कार्यों की शुरुआत 1892 में ही हो गई थीजब उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए JN Tata Endowment की स्थापना की. यह संस्था ही टाटा ट्रस्ट की बुनियाद बनी. 

कितना किया दान

हुरुन (Hurun) रिपोर्ट और एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा तैयार शीर्ष 50 दानदाताओं की सूची में भारत के दिग्गज उद्योगपति जमशेदजी टाटा एक सदी में 102 अरब अमेरिकी डॉलर (मौजूदा मूल्य के हिसाब से करीब 7.57 लाख करोड़ रुपये) दान देकर दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी के रूप में उभरे हैं.

दूसरे लोगों से काफी आगे

परोपकार के मामले में जमशेदजी टाटा बिल गेट्स और उनकी पूर्व पत्नी मेलिंडा जैसे दूसरे लोगों से काफी आगे हैं, जिन्होंने 74.6 अरब डॉलर दान किए हैं.इसके अलावा इस सूची में निवेशक वॉरेन बफे (37.4 अरब डॉलर), जॉर्ज सोरोस (34.8 अरब डॉलर) और जॉन डी रॉकफेलर (26.8 अरब डॉलर) के नाम शामिल हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हुरुन के अध्यक्ष और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगवेर्फ ने बताया भले ही अमेरिकी और यूरोपीय लोग पिछली शताब्दी में परोपकार की सोच के लिहाज से हावी रहे हों, लेकिन भारत के टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्ति हैं.'

अजीम प्रेमजी भी लिस्ट में 

इस सूची में एकमात्र अन्य भारतीय विप्रो के अजीम प्रेमजी हैं, जिन्होंने परोपकारी कार्यों के लिए लगभग 22 अरब अमेरिकी डॉलर दिए हैं. सूची में 38 लोग अमेरिका से हैं और उसके बाद ब्रिटेन (5) और चीन (3) का स्थान है. कुल 37 शीर्ष दानदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उनमें से 13 जीवित हैं.