फैलती रहेगी बीमारी, तीव्रता हो जाएगी कम
लंदन
एक ओर जहां दुनियाभर
में करीब 150 कोरोना वायरस वैक्सीनों पर काम हो रहा है, टॉप
एक्सपर्ट ने इससे जुड़े उम्मीदों को झटका दे दिया है। ब्रिटेन के चीफ साइंटिफिक
अडवाइजर सर पैट्रिक वॉलेस का कहना है कि वैक्सीन से कोरोना वायरस को रोका नहीं जा
सकता है। उनका कहना है कि वैक्सीन अगले साल मार्च से पहले नहीं मिलेगी। वॉलेस का
कहना है कि आज तक सिर्फ चिकनपॉक्स ही ऐसी बीमारी रही है जिसे मिटाया जा सका है।
मौसमी बुखार की तरह होगा
वॉलेस का कहना है कि
कोरोना वायरस का इलाज मौसमी बुखार की तरह हो सकता है। उन्होंने कहा है कि वैक्सीन
रिसर्च पहले से काफी बेहतर हो चुकी है लेकिन अभी ऐसी वैक्सीन तैयार करना जो बड़ी
संख्या में लोगों तक पहुंच सके, मुश्किल है। पैट्रिक ने यह
जानकारी संसदीय समिति को दी है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना कम है कि ऐसी
वैक्सीन मिल सके जो इन्फेक्शन को पूरी तरह रोक सके।
वैक्सीन के होंगे कई फायदे
पैट्रिक का कहना है इस बात की संभावना ज्यादा है कि बीमारी
फैलती रहेगी और कहीं-कहीं आम हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने साफ
किया कि वैक्सिनेशन से इन्फेक्शन की संभावना कम होगी और वायरस की वजह सो होने वाली
बीमारी की गंभारता और तीव्रता भी कम हो जाएगी। इसके बाद यह आम फ्लू जैसा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों में यह साफ हो जाएगा कि क्या कोई वैक्सीन सुरक्षा
दे सकती है और अगर हां, तो कितने वक्त के लिए।
तीसरे
चरण के ट्रायल का इंतजार
सर पैट्रिक ने कहा कि बहुत सारे वैक्सीन कैंडिडेट ने इम्यून
रिस्पॉन्स पैदा किया है लेकिन तीसरे चरण के ट्रायल के बाद ही यह पता चलेगा कि क्या
वे इन्फेक्शन रोक सकती हैं। उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलेगा कि वैक्सीनें
कितनी सुरक्षित हैं और बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे दी जानी है। उन्होंने कहा है कि
अगले साल मार्च से पहले वैक्सीन आम लोगों तक पहुंचना मुश्किल है।